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सरकारी आवास पर धर्मांतरण के फायदे गिनाते IAS इफ्तिखारुद्दीन पर हिंदूओं की भावनाएं आहत करने के आरोप, जांच के आदेश जारी

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कानपुर। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के चेयरमैन इफ्तिखारुद्दीन का धर्मांतरण के फायदे गिनाने वाला विवादित वीडियो वायरल होने के बाद अब इस मामले में यूपी सरकार ने एसआईटी को जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके अलावा पुलिस ने भी अपने स्तर की जांच शुरू कर दी है।

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आईएएस के सरकारी आवास पर हो रही थी धर्मांतरण की चर्चा

इस मामले में आईएएस अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन का संबंध धर्मांतरण गैंग से होने की बात सामने आ रही है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में इफ्तिखारुद्दीन के सरकारी आवास पर उनकी मौजूदगी में एक धर्म सभा की जा रही है, जिसमें धर्मांतरण को लेकर चर्चा हो रही है। वरिष्ठ आईएएस दूसरे समुदाय के लोगों को कट्टरपंथ का पाठ पढ़ाते नज़र आ रहे हैं।

मामला बढ़ने के बाद सोमवार को पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने वीडियो की जांच की जिम्मेदारी एडीसीपी पूर्वी सोमेंद्र मीणा को सौंप दी।

‘सनातन धर्म के विरुद्ध हो रहा प्रचार-प्रसार’- भूपेश अवस्थी

इसके अलावा दो दिन पहले ही मठ-मंदिर समन्वय समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भूपेश अवस्थी ने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि वायरल वीडियों में वरिष्ठ आईएएस सनातन धर्म के विरुद्ध प्रचार-प्रसार कर रहे हैं, जिससे हिंदू समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। 

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी दिए जांच के आदेश

यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस मामले में जांच के आदेश देते हुए कहा है कि ‘कानपुर और उन्नाव में दौरे के दौरान भी कुछ लोगों ने मुझे इस मामले की जानकारी दी थी। यदि इसमें ज़रा भी सत्यता है तो यह मामला गंभीर है। इस मामले की जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।‘ 

एसआईटी द्वारा की जाएगी जांच

मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी के अध्यक्ष डीजी सीबीसीआईडी जीएल मीणा नियुक्त किए जाएंगे और एडीजी ज़ोन भानु भास्कर सदस्य होंगे। जांच के बाद एसआईटी 7 दिनों में अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेगी।

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