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प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक मामले में कांग्रेस-बीजेपी में रार

सुरक्षा चूक

Photo: ANI

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नई दिल्ली: बीते दिनों देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक की घटना के बाद कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने है। इस घटना के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति से भी मुलाकात की और घटना का पूरा ब्यौरा दिया।

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घटना को लेकर बीजेपी नेता कांग्रेस शासित चन्नी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। एनएनआई के हबाले से बकौल प्रधानमंत्री ने भी एयरपोर्ट अधिकारियों से कहा था, अपने सीएम को थैंक्स कहना कि मैं जिंदा बच गया।

चन्नी सरकार और कांग्रेस पर लगते आरोपों पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने कहा, PM बयान देते हैं कि मैं सुरक्षित लौट आया इसलिए धन्यवाद। क्या आपकी गाड़ी पर पथराव हुआ, क्या आपको काले झंडे दिखाए गए? ऐसी क्या घटना घट गई कि आपको ये बयान देने की जरूरत पड़ी, इसका मतलब है कि आप विशुद्ध रूप से राजनीति कर रहे हैं।

कांग्रेस पर लगते आरोपों को लेकर बघेल बोले, पंजाब की कांग्रेस सरकार को बदनाम करने के लिए ये षड्यंत्र रचा गया, चुनी हुई सरकार को बदनाम करके कैसे अपदस्थ किया जा सके इसके लिए सारी योजनाएं बनाई गईं। कुर्सियां खाली थीं तो वहां जा क्यों रहे थे?

एयरपोर्ट के अधिकारियों से पीएम मोदी की बातचीत पर सीएम बघेल बोले, प्रधानमंत्री जी को इतना नीचे नहीं गिरना चाहिए था, इतना नीचे आकर बयान नहीं देना चाहिए था कि जान बच गई। राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह से बयान दिया, ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।

ऐसी घिनौनी राजनीति हमने ज़िंदगी में कभी स्वीकार नहीं की: राजनाथ सिंह

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में विजय संकल्प यात्रा के दौरान सभा को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए कहा, कल हमारे प्रधानमंत्री पंजाब गए थे जहां कांग्रेस की सरकार है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि भारत का प्रधानमंत्री जाता हो और उसकी सुरक्षा में चूक हो जाए। हम भी मुख्यमंत्री रहे हैं लेकिन ऐसी घिनौनी राजनीति हमने ज़िंदगी में कभी स्वीकार नहीं की।

बता दें बुधवार को प्रधानमंत्री पंजाब के फिरोजपुर में जनसभा को संबोधित करने वाले थे और कई परियोजनाओं का शिल्न्यास भी करने वाले थे। लेकिन जिस रास्ते से प्रधानमंत्री का काफिला गुजरना था उस रास्ते पर कुछ किसान प्रदर्शनकारी रास्ता रोके हुए थे। प्रदर्शनकारियों के रास्ता रोकने की वजह से प्रधानमंत्री को 20 मिनट तक संवेदनशील इलाके में इंतजार करना पड़ा और फिर वापस लौटना पड़ा।

Pm Security

किसान नेता राकेश टिकैत ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, किसानों का अपना पक्ष है। कल किसानों का हर जगह प्रदर्शन था लेकिन रास्ता रोकने का कोई कार्यक्रम नहीं था। किसान प्रधानमंत्री का काफिला रोकने के लिए नहीं बैठे थे वह बस इत्तेफाक था।

उन्होंने आगे कहा, इस पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए जिसमें पंजाब सरकार के अधिकारियों की भी जांच होनी चाहिए कि उनके क्या सुरक्षा इंतजाम थे। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री आदि किसी पार्टी के नहीं होते वह देश के होते हैं। अगर उनका कहना है कि वह बचकर आ गए हैं तो वह वहां गए क्यों थे?

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