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‘बुल्ली बाई’ ऐप: नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा- महिलाओं का अपमान नहीं करेंगे स्वीकार

'बुल्ली बाई' ऐप
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दिल्ली के एक कोर्ट ने ‘बुल्ली बाई’ ऐप के निर्माता नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ये रवैया ठीक नहीं है।

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सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्दर सिंह राणा ने कहा कि आरोपी ने एक विशेष समुदाय की महिलाओं को सार्वजनिक मंच पर अपमानित करने के लिए यह काम किया है, इससे सांप्रदायिक सद्भाव खराब होता है।

आगे न्यायाधीश ने कहा कि जिस समाज में महिलाओं को देवी माना जाता है उस समाज में ऐसा करना सांप्रदायिक सद्भाव पर प्रभाव डालने जैसा है। किसी विशेष समुदाय की महिलाओं का अपमान करना निश्चित ही बड़े पैमाने पर उस समुदाय से जोरदार प्रतिरोध को आमंत्रित करने वाला है।

बता दें नीरज बिश्नोई को दिल्ली पुलिस की आईएफ़एसओ स्पेशल सेल द्वारा असम से गिरफ्तार किया था। इंटरनेट पर नीरज बिश्नोई ने कई मुद्दों पर अपना सोचने के तरीके दर्शाया है। कोरा( Quora) नाम के वेबसाइट पर नीरज ने हिन्दूत्व, आतंकवाद और सनी ल्योनी पर अपने विचार रखे हैं। नीरज के मुताबिक हिंदू धर्म से बेहतर कोई धर्म नहीं है।

आतंकवाद को लेकर नीरज का मानना है कि सभी मुसलमान आतंकवादी नहीं होते लेकिन सभी आतंकी इस्लाम का अनुसरण करते हैं। वहीं सनी ल्योनी को लेकर नीरज कहते हैं कि पार्न इंडस्ट्री में जाने के पीछे सनी की गलती नहीं थी बल्कि उनकी परवरिश में चूक थी।

क्या है ‘बुल्ली बाई’ ऐप

बुल्ली बाई ऐप गिटहब नाम की वेबसाइट पर एक प्लेटफॉर्म था। जिसका मकसद भारत की मुसलमान महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी करना था। इस ऐप के जरिये 100 से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें शेयर की जा रहीं थीं। इन महिलाओं में पत्रकार और समाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हैं।

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