12 साल पुराने चर्चित टेप मामले से नीरा राडिया को बड़ी राहत, CBI से मिली क्लीन चिट
सीबीआई ने आज बुधवार को मशहूर कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया को 8,000 टेप की गई बातचीत से जुड़े मामले में क्लीन चिट दे दी है। केंद्रीय एजेंसी द्वारा 14 टेप की गई बातचीत की इन कंटेंट की जांच के लिए ‘प्रारंभिक पूछताछ’ शुरू की गई थी, लेकिन प्रारंभिक पूछताछ बंद कर दी गई थी क्योंकि मामले में कोई मामला नहीं बनता था। एक दशक पहले यह मामला सामने आने पर काफी चर्चा में रहा था।
इस बीच, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच नीरा राडिया बनाम रतन टाटा मामले की सुनवाई कर रही है। इस याचिका में, 84 वर्षीय प्रख्यात उद्योगपति टाटा ने मीडिया आउटलेट्स द्वारा लॉबिस्ट नीरा राडिया और टाटा समूह के प्रमुख के बीच कई अन्य लोगों के बीच टेलीफोन पर बातचीत प्रकाशित करने के बाद अपने निजता के अधिकार की मांग की है।
मामले में पेश होने वाले वकीलों में सिद्धार्थ लूथरा, एएसजी ऐश्वर्या भाटी और प्रशांत भूषण शामिल हैं। सुनवाई के दौरान एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि निजता के अधिकार के फैसले के बाद कुछ भी नहीं बचा है, भले ही इस मामले में पहले सीबीआई जांच का आदेश दिया गया हो। याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने हालांकि पीठ को बताया कि वह कई अन्य मामलों में व्यस्त हैं और चाहते हैं कि इस पर बहस हो, जिससे पीठ को मामले को पारित करने की अनुमति मिली।
सीबीआई ने देश के सबसे चर्चित और 12 साल पुराने नीरा राडिया टेप विवाद में नीरा राडिया और कई अन्य को क्लीन चिट दे दी है। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई ने इस मामले में 14 प्रारंभिक जांच की, लेकिन जांच में अपराध का कोई मामला नहीं पाया गया।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने करीब 5800 टेपों की जांच की है। लेकिन इसमें कोई केस नहीं मिला। उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद सील कवर में यह रिपोर्ट दाखिल की गई। वैसे भी निजता के अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है तो इस मामले में कुछ भी नहीं बचा है।
रतन टाटा ने नीरा राडिया टेप मामले में अपनी निजता का हवाला देते हुए साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और इसके जरिए इन टेपों को लीक करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।