Advertisement

Bengal Coal Scam : ममता सरकार के मंत्री मलय घटक के ठिकानों पर सीबीआई की रेड

Share

सीबीआई का आरोप है कि अवैध रूप से खनन किए गए कोयले को काला बाजारी में बेचा गया।

Bengal Coal Scam
Share
Advertisement

Bengal Coal Scam : केंद्रीय जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग को लेकर विपक्षी दलों के देशव्यापी हंगामे के बीच सीबीआई आज कथित कोयला चोरी मामले में पश्चिम बंगाल के मंत्री मोलॉय घटक (Moloy Ghatak) के परिसरों की तलाशी ले रही है।

Advertisement

केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने पश्चिम बर्धमान जिले के आसनसोल में घटक के तीन घरों और कोलकाता के लेक गार्डन इलाके में एक पर छापेमारी की। सीबीआई का आरोप है कि अवैध रूप से खनन किए गए कोयले को काला बाजारी में बेचा गया।

अधिकारियों का कहना है कि सीबीआई कथित कोयला तस्करी घोटाले की जांच कर रही है और घटक का नाम जांच में सामने आया है। केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों की एक बड़ी टुकड़ी की मदद से एजेंसी ने घोटाले के सिलसिले में इन संपत्तियों की तलाशी ली। महिला अधिकारी भी टीम का हिस्सा थीं।

सीबीआई ने घोटाले के सिलसिले में कोलकाता में चार अलग-अलग जगहों पर तलाशी भी ली।आसनसोल उत्तर के विधायक घटक कोयला चोरी मामले के संबंध में पूछताछ के लिए एक बार प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के दिल्ली कार्यालय में पेश हुए है।

हालांकि, उन्होंने कथित घोटाले के सिलसिले में ईडी के कई अन्य सम्मनों को छोड़ दिया है। सीबीआई के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, “जैसे ही उनका नाम कोयला तस्करी घोटाले में सामने आया, हमें यह पता लगाने की जरूरत है कि इसमें उनकी क्या भूमिका थी। हमारे पास इस घोटाले में घटक के शामिल होने के सबूत हैं।”

प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआई द्वारा दर्ज नवंबर 2020 की प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आसनसोल और उसके आसपास राज्य के कुनुस्तोरिया और कजोरा क्षेत्रों में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से संबंधित करोड़ों रुपये का कोयला चोरी घोटाला हुआ था।

सीबीआई का आरोप है कि कथित रूप से अवैध रूप से खनन किए गए कई हजार करोड़ रुपये के कोयले को पश्चिम बंगाल के पश्चिमी हिस्सों में संचालित एक रैकेट द्वारा काला बाजार में बेचा गया था, जहां ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड कई खदानें चलाती है।

पिछले साल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार के बाद से तृणमूल के कई नेता केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर हैं। पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने केंद्र पर खुले तौर पर अपनी पार्टी के नेताओं को परेशान करने और डराने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।

राज्य के पूर्व मंत्री और तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी को जुलाई में प्रवर्तन निदेशालय ने स्कूल भर्ती घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था और सीबीआई ने अगस्त में पार्टी के बीरभूम प्रमुख अनुब्रत मंडल को मवेशियों की तस्करी के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।

सीबीआई ने पिछले शुक्रवार को तृणमूल नेता और हलिसहर नगरपालिका के अध्यक्ष राजू साहनी को पोंजी योजना में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप योजना के नाम पर लोगों के लाखों के ठगने का आरोप है।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस साल जुलाई में कोयला घोटाले में शामिल 41 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, हालांकि इसमें बनर्जी का नाम नहीं था।

जहां सीबीआई आपराधिक पहलुओं से जांच कर रही है, वहीं ईडी धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मामले को आगे बढ़ा रही है। अनूप माजी पश्चिम बंगाल के कुनुस्तोरिया और आसनसोल और उसके आसपास के कजोरा इलाकों में ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड की खदानों से संबंधित कोयला खनन और चोरी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले का कथित सरगना है।

माजी के दो करीबी सहयोगियों की 15 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जुलाई में कुर्क की गई थी। ईडी ने पश्चिम बंगाल में तैनात भारतीय पुलिस सेवा के आठ अधिकारियों को कोयला तस्करी मामले में पूछताछ के लिए नई दिल्ली भी तलब किया है। बनर्जी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सीआईएसएफ के अधिकारियों से पूछताछ करने के बजाय राज्य पुलिस के अधिकारियों को परेशान किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *