राष्ट्रीय

Bengal: ममता सरकार पर 50 लाख रुपए का लगाया कलकत्ता हाईकोर्ट ने, पढ़ें

कलकत्ता हाईकोर्ट अदालत की अवमानना के मामले में शुक्रवार को पश्चिम बंगाल सरकार पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने आदेश का पालन नहीं करने पर यह जुर्माना लगाया है।  जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने राज्य सरकार को अगले दो सप्ताह के भीतर कलकत्ता हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय में जुर्माना राशि जमा करने का निर्देश दिया। अदालत ने पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले में एक सहकारी समिति द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच संबंधी दस्‍तावेज सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया था, लेकिन राज्‍य के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने अब तक आदेश पर अमल नहीं किया है।

अदालत ने सीआईडी को जांच से संबंधित सभी दस्तावेज और कागजात 18 सितंबर तक सीबीआई को सौंपने का भी निर्देश दिया। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर इस बार उनके आदेश को लागू नहीं किया गया तो वह राज्य के मुख्य सचिव को अदालत में बुलाएंगे। जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा, “सीआईडी काफी समय से इस मामले के बारे में जांच कर रही है, लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि गड़बड़ी के पीछे कौन लोग हैं। लेकिन मुझे पता है कि ऐसा किसने किया। आप गरीबों के पैसे पर मौज कर रहे हैं। जो लोग पहले साइकिल से घूमते थे वे अब चार पहिया वाहन खरीद रहे हैं।”

कलकत्ता हाईकोर्ट की जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच ने इस साल 25 अगस्त को अलीपुरद्वार में नकदी-उधार देने वाली सहकारी समिति द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर सीबीआई जांच का आदेश दिया। यह आदेश सर्किट बेंच में कल्पना दास सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर आधारित था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सहकारी समिति ने पहले निवेशकों से बाजार से भारी मात्रा में जमा राशि एकत्र की और फिर उससे जुड़े लोगों को ऋण के रूप में पैसा वितरित किया।

काफी समय बीत जाने के बाद भी ऋण नहीं लौटाने के बावजूद सहकारी समिति के अधिकारियों द्वारा ऋण वसूली के लिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई। इस मामले को पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) द्वारा जांच के लिए भेजा गया था, लेकिन जांच प्रक्रिया में कोई प्रगति नहीं हो सकी। इसलिए याचिकाकर्ता ने मामले में केंद्रीय एजेंसी से जांच की मांग करते हुए सर्किट बेंच का दरवाजा खटखटाया।

हालाँकि, आदेश का पालन करने की बजाय, सीआईडी ने जलपाईगुड़ी सर्किट पीठ द्वारा पहले के आदेश पर पुनर्विचार के लिए जस्टिस गंगोपाध्याय की पीठ से संपर्क किया। शुक्रवार को सीआईडी की वह याचिका खारिज कर दी गयी। अनुमान के मुताबिक इस मामले में कुल फंड गबन लगभग 50 करोड़ रुपये का है, जो 21,163 निवेशकों से ठगा गया है। 

ये भी पढ़ें:सनातन का निरादर करने का एजेंडा माता सोनिया और बेटा राहुल काः जेपी नड्डा

Related Articles

Back to top button