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अर्चना नाग सेक्स स्कैंडल केस : ED कर सकती है वित्तीय लेनदेन की जांच, जानें पूरा मामला

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अर्चना नाग सेक्स स्कैंडल केस : मुख्य आरोपी अर्चना नाग और उनके पति जगबंधु चंद से जुड़े सनसनीखेज हनीट्रैप और ब्लैकमेल मामले में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दंपति द्वारा कथित अवैध वित्तीय लेनदेन की जांच कर सकता है।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईडी ने ट्विन सिटी कमिश्नरेट पुलिस से मामले की एफआईआर कॉपी मांगी है। एजेंसी पति-पत्नी की जोड़ी द्वारा प्राप्त धन के स्रोत का पता लगा सकती है।

जहां अर्चना पर राजनेताओं, व्यापारियों और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों को उनके और उनके बीच अंतरंग क्षणों के वीडियो के साथ ब्लैकमेल करके लाखों रुपये की उगाही करने का आरोप है, वहीं जगबंधु का कथित रूप से इस अपराध में संलिप्तता थी।

दोनों को गिरफ्तार कर यहां झारपाड़ा स्पेशल जेल में रखा गया है। भारतीय विकास परिषद ने उड़ीसा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और अर्चना और उनके पति के स्वामित्व वाली संपत्ति में तेजी से वृद्धि की ईडी से जांच कराने की मांग की है।

भारतीय विकास परिषद ने एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर करते हुए मामले में केंद्र सरकार, ईडी, ओडिशा के मुख्य सचिव, गृह विभाग, ओडिशा के डीजीपी, खंडगिरि पुलिस स्टेशन आईआईसी और नयापल्ली पुलिस स्टेशन आईआईसी को पक्षकार बनाया है। इसने अर्चना की संपत्तियों को जब्त करने की भी मांग की है।

इस मामले ने कई वरिष्ठ राजनेताओं के इसमें शामिल होने की अटकलों के साथ राज्य भर में सनसनी फैला दी है।

अर्चना के पास से भुवनेश्वर में एक आलीशान मकान, लग्जरी कारें और करोड़ों रुपये का कीमती सामान बरामद हुआ है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि अर्चना और जगबंधु ने 2018 से 2022 तक चार साल की अवधि के भीतर लगभग 30 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की।

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