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आजादी का अमृत महोत्सव: पीएम मोदी बोले- यह समय ज्ञान, शोध और इनोवेशन का है

नरेंद्र मोदी
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देश में आज से ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने बटन दबाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इसके बाद पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित भी किया।

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इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ब्रह्मकुमारी संस्था के द्वारा ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है। इस कार्यक्रम में स्वर्णिम भारत के लिए भावना भी है, साधना भी है। इसमें देश के लिए प्रेरणा भी है, ब्रह्मकुमारियों के प्रयास भी हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं जिसमें भेदभाव की कोई जगह न हो, एक ऐसा समाज बना रहे हैं, जो समानता और सामाजिक न्याय की बुनियाद पर मजबूती से खड़ा हो। हम एक ऐसे भारत को उभरते देख रहे हैं, जिसकी सोच और अप्रोच नई है और जिसके निर्णय प्रगतिशील हैं।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि ‘दुनिया जब अंधकार के गहरे दौर में थी, महिलाओं को लेकर पुरानी सोच में जकड़ी थी, तब भारत मातृशक्ति की पूजा, देवी के रूप में करता था। हमारे यहां गार्गी, मैत्रेयी, अनुसूया, अरुंधति और मदालसा जैसी विदुषियां समाज को ज्ञान देती थीं। कठिनाइयों से भरे मध्यकाल में भी इस देश में पन्नाधाय और मीराबाई जैसी महान नारियां हुईं।’

उन्होंने कहा, ‘अमृत महोत्सव में देश जिस स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को याद कर रहा है, उसमें भी कितनी ही महिलाओं ने अपने बलिदान दिये हैं। कित्तूर की रानी चेनम्मा, मतंगिनी हाजरा, रानी लक्ष्मीबाई, वीरांगना झलकारी बाई से लेकर सामाजिक क्षेत्र में अहल्याबाई होल्कर और सावित्रीबाई फुले तक, इन देवियों ने भारत की पहचान बनाए रखी। आज देश लाखों स्वाधीनता सेनानियों के साथ नारी शक्ति के योगदान को याद कर रहा है।’

महिलाओं की बढ़ रही भागीदारी

मोदी ने कहा कि देश के लोकतंत्र में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। 2019 के चुनाव में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया। आज देश की सरकार में बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियां महिला मंत्री संभाल रही हैं। अब समाज इस बदलाव का नेतृत्व खुद कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति और सभ्यता, अपने संस्कारों को हमेशा जीवंत रखना है। उन्होंने कहा कि अपनी आध्यत्मिकता, विविधता को संरक्षित और संवर्धित करना है और टेक्नोलॉजी, एजुकेशन, हेल्थ और देश में इनफ्रास्ट्रक्चर को निरंतर आधुनिक बनाना है।

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