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अफगानिस्तानी राजदूतों ने इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान को मानने से किया इनकार, कहा- पुरानी सरकार को मानते हुए करते रहेंगे काम

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अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन के बाद तालिबानी सरकार के ऊपर बगावती सुर मंडराने लगे हैं।  अशरफ गनी सरकार के विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान जारी कर ऐलान किया गया कि दुनिया भर में मौजूद सारे अफगानी राजदूत पिछली अफगानी सरकार जिसके राष्ट्रपति गनी बरादर थे, उन्हीं को सरकार मानते हुए काम करते रहेंगे और नई तालिबानी सरकार को स्वीकृति नही देंगे।

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अफगानिस्तानी राजदूतों ने इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान को मानने से किया इनकार

साथ ही अफगानिस्तान के सभी राजदूतों ने अफगानिस्तान के नए नाम इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान को खारिज कर दिया है। सभी दूतावासों ने साझा बयान जारी कर कहा है कि तालिबानी सरकार गैर-संवैधानिक है। दूतावासों ने बयान में ये भी कहा कि नई तालिबानी सरकार ने औरतों के अधिकारों का भी हनन किया है। इसके साथ ही दूतावासों ने अपने साझा बयान में कहा कि वो अपने देश के पुराने झंडे को ही मान्यता देंगे।

बीते दिन पूर्व राष्ट्रपति गनी बरादर ने जनता से मांगी माफी

अशरफ गनी बरादर ने अफगानिस्तानी नागरिकों से माफी मांगते हुए कहा, बंदूकों को चुप रखने और काबुल और उसके 60 लाख नागरिकों को बचाने का यही एकमात्र तरीका था। मैंने अपने जीवन के 20 साल एक लोकतांत्रिक, समृद्ध और संप्रभु राज्य के निर्माण की दिशा में अफगान लोगों की मदद करने के लिए समर्पित किए हैं। यह गहरे अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि मेरा अपना अध्याय मेरे पूर्ववर्तियों के समान ही त्रासदी में समाप्त हुआ। स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित किए बिना मैं अफगानी लोगों से माफी मांगता हूं।

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