Munda Tribe : भारतीय जनजाति का मुण्डा समुदाय, कौन थे बिरसा मुण्डा ?

Munda Tribe
Munda Tribe : झारखण्ड के छोटा नागपुर क्षेत्र में निवास करने वाला भारतीय जनजाति का मुण्डा समुदाय। इनकी मुण्डारी भाषा आस्ट्रो – एशियाटिक परिवार की प्रमुख भाषा है। झारखण्ड के अलावा ओडिशा, बिहार, पश्र्चिम बंगाल आदि अन्य भारतीय राज्यों में भी मुण्डा समुदाय रहता है। मुण्डा समुदाय भारत की एक प्रमुख जनजाति है। हालांकि मुण्डा समुदाय का इतिहास अस्पष्ट है। 20वी सदी के अनुसार इनकी संख्या लगभग 10 लाख थी। मुण्डा स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुण्डा ने 1800 के दशक के अन्त में भारत के ब्रीटिश शासन का विरोध किया था।
मुण्डा जनजाति का मुख्य रूप से भोजन में मक्का, धान, जंगल के फल – फूल और मड़ुआ है। यह समुदाय सूती के बने कपड़े पहनते हैं। महिलाओं के लिए बारह हथिया नाम की एक विशेष प्रकार की साड़ी होती है। जब की पुरुष साधारण-सी धोती पहनते है, इन्हें तोलोंग भी कहा जाता है। वे सामुदायिक भागीदारी के साथ चाय बागानों में काम करने, जंगली जानवरों और पक्षियों का धनुष और तीर के साथ समूह शिकार करने, समूह नृत्य और गायन के साथ-साथ किसी भी समारोह या त्यौहार में उम्र की परवाह किए बिना सबके साथ भागीदारी लेते है।
दो समहू में बट गया मुण्डा समुदाय
मुण्डा समुदाय की सामाजिक संस्कृति बहुत ही सरल और बुनियादी है। उनके लिए भारतीय जाति व्यवस्था विदेशी है। मुण्डा समुदाय द्वारा परिवार के दफनाए गए लोगों को संरक्षक के रूप में याद किया जाता है। मुण्डा समुदाय का एक समहू पूर्वी दिशा में चला गया और समुदाय के अन्य लोगों से उनका संबंध टूट गया। पूर्वी दिशा में गए मुण्डा समुदाय समहू को अब भूमिज जनजाति कहा जाता है। भूमिज, मुण्डा और हो जनजाति एक ही नस्ल हैं। मुण्डा – भूमिज की अपनी अलग ही एक पारंपरिक शासन व्यवस्था है। इस व्यवस्था को मुण्डा – भूमिज शासन कहा जाता है।
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