‘दुनिया सीमा पार आतंकवाद के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराए’, सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे पर बोला MEA

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MEA Statement : विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को साप्ताहिक ब्रीफिंग में कई मुद्दों की जानकारी दी. इसमें ऑपरेशन सिंदूर, सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल समेत कई मुद्दे शामिल हैं. सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दुनिया से आग्रह करना चाहते हैं कि वे सीमा पार आतंकवाद के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराएं।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पिछले 40 वर्षों से भारत के खिलाफ आतंकवाद को अंजाम दे रहा है. उसके कार्यों को उजागर करने की आवश्यकता है। उसे भारत के खिलाफ किए गए आतंकी हमलों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, इसलिए सात प्रतिनिधिमंडल बनाए गए हैं। तीन प्रतिनिधिमंडल रवाना हो चुके हैं.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता कहा कि प्रतिनिधिमंडल दुनिया के 33 देशों में जा रहे हैं. सभी देश हमारे मजबूत अंतरराष्ट्रीय साझेदार हैं. हमारे उनके साथ बहुत अच्छे संबंध हैं. उनमें से कई देश सुरक्षा परिषद के सदस्य हैं या आने वाले दिनों में सुरक्षा परिषद का हिस्सा बनेंगे. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, यह जरूरी था कि हम इन देशों में जाएं ताकि हम आतंकवाद पर भारत का संदेश बता सकें.

‘बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते’

उन्होंने कहा कि अपनी पिछली ब्रीफिंग में मैंने इस पर बात की थी. मेरे पास कहने के लिए और कुछ नहीं है. आप हमारी स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि भारत-पाकिस्तान के बीच कोई भी जुड़ाव द्विपक्षीय होना चाहिए. बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते. आतंकवाद के मामले में हम उन कुख्यात आतंकवादियों को भारत को सौंपने पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, जिनकी सूची कुछ साल पहले पाकिस्तान को दी गई थी.

‘सिंधु जल संधि भी तब तक स्थगित रहेगी’

विदेश मंत्रालय ने कहा कि मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि जम्मू और कश्मीर पर कोई भी द्विपक्षीय चर्चा केवल पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करने पर होगी. सिंधु जल संधि भी तब तक स्थगित रहेगी, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता. जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते.

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