
रांची: मंगलवार को झारखंड की राजधानी रांची की मेयर आशा लकड़ा पानी के टैक्स के मामले को लेकर अपने ही ऑफिस के आगे धरने पर बैठ गईं। उनके साथ डिप्टी मेयर सहित 10-12 पार्षद भी धरने पर बैठे रहे। मेयर आशा लकड़ा ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार जनता का शोषण कर रही है। उन्होंने सरकार के रवैये को तानाशाही करार दिया है। उन्होंने रांची की जनता से कहा कि पानी के टैक्स के मामले पर वे उनके साथ हैं।
बता दें झारखंड की नई जल कर नीति के अनुसार वाटर कनेक्शन शुल्क 500 रुपये से बढ़ाकर 7,000 रुपये कर दिया गया है। नई दरों के मुताबिक रेजिडेंसियल इलाकों में इसकी अधिकतम लागत 42 हजार रुपए है।
मेयर लकड़ा ने बताया कि सरकार के इशारे पर जल कर (Water Tax) के एजेंडे को पारित किया गया है। जबकि निगम की बैठक से दो बार इस एजेंडे को हटाया गया है। नई दर में पुराने दर से डेढ़ गुणा का इजाफा कर दिया गया है। कनेक्शन देने की दर में भी बढ़ोतरी की गई है। इतना ही इंडस्ट्रियल कनेक्शन में तो 42 गुणा की बढ़ोतरी की गई है।
पार्षदों ने बताया कि ये फैसला जनहित में नही है, दो बार बोर्ड की बैठक में जल कर में वृद्धि का प्रस्ताव को पास नहीं किया गया। लेकिन फिर भी इसे लागू कर दिया गया है।