एन. बीरेन सिंह ने सीएम पद से दिया इस्तीफा, विधानसभा का बजट सत्र रद्द

Manipur CM Resigned

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Manipur CM Resigned : मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। मैतेई-कुकी समुदायों के बीच करीब दो साल के संघर्ष के दौरान विपक्ष लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रहा था। बीरेन सिंह राज्य में शांति बहाल करने की बात करते रहे लेकिन दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद उन्होंने राज्यपाल को इस्तीफे सौंप दिया।

राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने एन बीरेन सिंह का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। उन्होंने कहा कि सीएम के इस्तीफे के साथ ही शुरू होने वाला मणिपुर विधानसभा का बजट सत्र भी रद्द कर दिया गया है। इस बजट सत्र में एन बीरेन सिंह सरकार के खिलाफ कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी।

गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता

एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद अब मणिपुर का नया सीएम कौन होगा? इसे लेकर जब मणिपुर बीजेपी की चीफ शारदा देवी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी ये तय नहीं है। शारदा देवी ने कहा कि बीरेन सिंह 2017 से लगातार मणिपुर के विकास के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। उनका इस्तीफा राज्य की अखंडता की रक्षा के लिए उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

बीजेपी पर निशाना साधा

एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राहुल गांधी ने पीएम मोदी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि सार्वजनिक दबाव सुप्रीम कोर्ट की जांच और कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव ने सीएम बीरेन सिंह को इस्तीफे के लिए मजबूर कर दिया है। राहुल गांधी ने कहा कि करीब दो साल तक बीजेपी के सीएम बीरेन सिंह ने मणिपुर में विभाजन भड़काया और पीएम मोदी ने उन्हें मणिपुर में हिंसा जानमाल के नुकसान और भारत के विचार के विनाश के बावजूद सीएम पद पर बना रहने दिया।

मणिपुर क्यों नहीं गए हैं?

वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस दस फरवरी को मणिपुर विधानसभा में सीएम और उनके मंत्रिपरिषद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पूरी तरह तैयार थी। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को ये लग गया था कि माहौल बन रहा है और बहुमत उनके पास नहीं हैं। उन्हें लग गया था कि अविश्वास प्रस्ताव पारित होगा और उन्हें इस्तीफा देना पड़ेगा इसलिए उन्होंने आज ही इस्तीफा दे दिया। जयराम ने कहा कि एन बीरेन सिंह तो एक कठपुतली थे। गृह मंत्री अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं समझते इस्तीफा तो उन्हें देना चाहिए प्रधानमंत्री बीस महीने से मणिपुर क्यों नहीं गए हैं?

कम से कम 250 लोगों की मौत

बता दे कि मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच भड़की जातीय हिंसा में कम से कम 250 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है जबकि हजारों की संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं। हिंसा के दौरान आगजनी बर्बरता दंगा हत्या व सामूहिक बलात्कार की घटनाएं भी देखी गईं।

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