देशभर में मनाई जा रही महावीर जयंती, पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं ने दी शुभकामनाएं

Mahavir Jayanti 2025 :

भगवान महावीर को नमन करते हुए पीएम मोदी

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Mahavir Jayanti 2025 : आज यानी 10 अप्रैल को देशभर में जैन धर्म के 24 तीर्थंकर महावीर जयंती का पावन पर्व उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई प्रमुख नेताओं ने भगवान महावीर को नमन करते हुए उनकी शिक्षाओं को याद किया और देशवासियों को शुभकामनाएं दीं।

पीएम मोदी ने देशवासियों को दी महावीर जयंती शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महावीर जयंती के अवसर पर अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर लिखा, हम सभी भगवान महावीर को नमन करते हैं, जिन्होंने हमेशा अहिंसा, सत्य और करुणा पर बल दिया। उनके आदर्शों ने दुनिया भर में असंख्य लोगों को शक्ति दी है। उनके उपदेशों को जैन समाज ने बहुत सुंदर रूप से संरक्षित किया है और लोकप्रिय बनाया है। पीएम मोदी ने लिखा कि भगवान महावीर से प्रेरित होकर जैन समाज ने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त की है और समाज कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

प्राकृत भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया जाएगा

उन्होंने आगे लिखा, हमारी सरकार हमेशा भगवान महावीर के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए कार्य करती रहेगी। पिछले वर्ष, हमने प्राकृत भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का निर्णय लिया, जिसे व्यापक सराहना प्राप्त हुई।

गृह मंत्री ने महावीर जयंती की दी शुभकामनाएं

गृह मंत्री अमित शाह ने भी लोगों को महावीर जयंती की शुभकामनाएं देते हुए अपने एक्स हैंडल पर लिखा, भगवान महावीर जी ने सत्य, अहिंसा, करुणा और सामाजिक सद्भाव के जो संदेश दिए, वे मानव समाज को अनंतकाल तक राह दिखाते रहेंगे। भगवान महावीर जी से सभी के कल्याण की कामना करता हूं।

https://twitter.com/AmitShah/status/1910151356880478244

महावीर जी के आदर्श समावेशी समाज के निर्माण के लिए प्रेरित करते हैं

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा कि “महावीर जयंती के पावन अवसर पर मैं भगवान महावीर को नमन करता हूं और अहिंसा, सत्य और करुणा के उनके शाश्वत संदेश को याद करता हूं। उनके आदर्श हमें न्यायपूर्ण, शांतिपूर्ण और समावेशी समाज के निर्माण के लिए प्रेरित करते रहते हैं। इस पावन दिवस पर सभी को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।

https://twitter.com/rajnathsingh/status/1910182210600059333

भगवान महावीर जी का जीवन सदैव प्रेरणादायी है

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, त्याग, तप व शांति के शाश्वत प्रतीक, 24वें जैन तीर्थंकर भगवान महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह आदि की समाज में स्थापना के लिए किए गए उनके कार्य अमर हैं। यह युगों तक सम्पूर्ण संसार को मानवता के कल्याण के पथ दिखाते रहेंगे। नड्डा ने आगे लिखा कि सभ्य समाज व विश्व कल्याण के निर्माण को समर्पित भगवान महावीर जी का जीवन सदैव प्रेरणादायी है। उनकी दिव्य शिक्षाएं एवं महान विचार अहिंसक समाज के लिए सदैव प्रासंगिक रहेंगे। जय जिनेन्द्र!

महावीर जयंती का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व

महावीर जयंती जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर के जन्मदिवस के रूप में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाती है। ऐतिहासिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान महावीर का जन्म 615 ईसा पूर्व में वैशाली (वर्तमान बिहार) के एक समृद्ध राजपरिवार में हुआ था। बचपन में उनका नाम ‘वर्धमान’ रखा गया, जो उनके साहस और दृढ़ता का प्रतीक था।

युवावस्था में ही उन्होंने सांसारिक सुख-सुविधाओं का त्याग कर सत्य की खोज में तप और ध्यान का मार्ग अपनाया। वर्षों की कठोर साधना के बाद उन्हें कैवल्य ज्ञान प्राप्त हुआ और वे एक महान आध्यात्मिक गुरु के रूप में प्रसिद्ध हुए।

महावीर ने मानवता के सिद्धांतों का महत्व समझाया

भगवान महावीर ने अपने जीवन के माध्यम से मानवता को अहिंसा (non-violence), सत्य (truth), अस्तेय (चोरी न करना), ब्रह्मचर्य (celibacy), और अपरिग्रह (अल्प भोग) जैसे सिद्धांतों का महत्व समझाया। ये पांच व्रत न केवल आत्मशुद्धि का मार्ग हैं, बल्कि एक शांतिपूर्ण और नैतिक समाज की नींव भी हैं।

आज जब दुनिया हिंसा, असहिष्णुता और सामाजिक विषमताओं जैसी चुनौतियों से जूझ रही है, तब भगवान महावीर के विचार और भी अधिक प्रासंगिक हो जाते हैं। अहिंसा, करुणा और आत्मसंयम जैसे उनके आदर्श न केवल व्यक्तिगत जीवन को समृद्ध करते हैं, बल्कि समाज में भी सहअस्तित्व और शांति की भावना को मजबूत करते हैं।

महावीर की शिक्षा लोगों को आध्यात्मिक दिशा देती हैं

उनकी शिक्षाएं आज भी लाखों लोगों को आध्यात्मिक दिशा देती हैं और जीवन के उद्देश्य की ओर प्रेरित करती हैं। महावीर जयंती न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह आत्मनिरीक्षण और नैतिक मूल्यों को अपनाने का भी अवसर है।

महावीर का प्रतीक क्या है?

महावीर को आमतौर पर बैठे या खड़े ध्यान मुद्रा में दर्शाया जाता है, जिसके नीचे एक शेर का प्रतीक होता है। उनकी सबसे पुरानी प्रतिमा उत्तर भारतीय शहर मथुरा के पुरातात्विक स्थलों से मिली है, और इसे पहली शताब्दी ईसा पूर्व और दूसरी शताब्दी ई. पू.।

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