विदेश

पृथ्वी की ही तरह मंगल के दोनों ध्रुवों पर मिली मोटी बर्फ की परत

यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के वैज्ञानिक काफी लंबे समय से अंतरिक्ष में पानी की खोज कर रहे हैं, क्योंकि पानी ही एक मात्र सहारा है किसी दूसरे ग्रह पर जीवन का अधार बनाने के लिए। अब खोंज के चलते एक नया सबूत मिला है कि मंगल ग्रह पर पानी मौजूद हो सकता है। पृथ्वी की ही तरह मंगल के दोनों ध्रुवों पर मोटी बर्फ की परतें मौजूद हैं। इनका आयतन ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर के बराबर है। हालांकि पृथ्वी की बर्फ की चादरों के विपरीत लाल ग्रह की आइस कैप पूरी तरह जमी हुई मानी जाती हैं।

जा रहा है। यह अध्ययन यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के नेतृत्व में किया गया है जिसमें रडार से इतर डेटा का इस्तेमाल किया गया है। अध्ययन दिखाता है कि मंगल के साउथ पोलर आइस इसे मंगल ग्रह पर जीवन की मौजूदगी से जुड़ी खोज की एक लंबी यात्रा में बड़ी कामयाबी माना कैप के नीचे द्रव पानी मौजूद हो सकता है। बता दें कि यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड की डॉ फ्रांसिस बुचर ने कहा कि यह अध्ययन मंगल पर द्रव पानी की मौजूदगी के बारे में अब तक के सबसे अच्छे संकेत देती है। और धरती पर सबग्लेशियल झील (ऐसी झील जो ग्लेशियर या बर्फ की चादर के नीचे मौजूद हो) को खोजते समय हम जिन सबूतों की तरफ ध्यान देते हैं उनमें से दो सबसे प्रमुख अब मंगल पर पाए गए हैं।

मंगल पर तापमान औसतन -62 डिग्री सेल्सियस है, लेकिन ध्रुवों पर सर्दियों में यह -140 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। शोधकर्ताओं की अंतरराष्ट्रीय टीम में यूनिवर्सिटी ऑफ नैनटेस और यूनिवर्सिटी कॉलेज डबलिन के वैज्ञानिक भी शामिल थे। इन्होंने आइस कैप की ऊपरी सतह की जांच के लिए स्पेसक्राफ्ट के लेजर-अल्टीमीटर माप का इस्तेमाल किया।

Related Articles

Back to top button