Sexual Orientation: क्या है बाइसेक्शुअल और कितने तरह का होता है ओरिएंटेशन ? तेजी से बढ़ रहे मामले
Sexual Orientation: लड़का-लड़की का अफेयर, जायज-नाजायज संबंध, शादी और रोमांस इस सब के बारे में तो हम लोग जानते हैं। पर 21 वीं सदी में रिश्तों का दायरा इस सब से कहीं आगे निकल गया है। बदलते दौर में बाइसेक्शुअल रिश्तों में काफी कुछ देखने को मिल रहा है। हालाकिं सोसाइटी में समलैंगिक रिश्ते पहले भी मौजूद रहे हैं। पर लोग इसको उजागर करने से डरते थे, लेकिन हाल के कुछ वर्षों में समलैंगिक रिश्ते खुलकर सामने आने लगे हैं।
3 गुना बढ़ गए मामले
मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक अमेरिका में हुई एक रिसर्च से चौकाने वाले आकड़े सामने आए हैं। अमेरिका में हुई एक नई स्टडी में पता चला है कि 1990 के बाद से बाइसेक्शुअल रिश्ते 3 गुना बढ़ गए हैं। भारत की भी स्थिति भी इससे कुछ अलग नहीं है। भारत में अलग-अलग रिपोर्ट में समलैंगिकों की संख्या 5 करोड़ से लेकर 20 करोड़ तक बताई जाती है।
अभी हाल के दिनों में समलैंगिक शादियों को मान्यता देने संबंधी सुनवाई की खूब चर्चा हुई थी। ‘द जर्नल ऑफ सेक्स रिसर्च’ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में 1990 से 1995 के बीच हुए सर्वे में बाइसेक्शुअल लोगों की संख्या 3.1% थी। 1995 के बाद से इस आकड़े में तेजी से वृद्धि हई और यह आंकड़ा वर्तमान में 9.3% तक पहुंच गया है।
क्या होता है बाइसेक्शुअल ?
बाइसेक्शुअल यानी ऐसे लोग जिनका यौन आकर्षण लड़का और लड़की दोनों की ओर हो सकता है। ऐसे लोग जो एक से अधिक लिंग के लोगों के साथ शारीरिक, यौन और भावनात्मक आर्कषण महसूस करते है उन्हे बाइसेक्सुअल कहते हैं। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि समान और विपरीत लिंग के लोगों की सुंदरता को केवल सराहना बाइसेक्सुअल होना नहीं है। लेकिन अगर बात सराहने से आगे बढ़ कर दोनों के साथ यौन सम्बन्ध बनाने तक पहुँच जाती है, तो उसे बाइसेक्सुअल होना कहा जाता है। आमतौर पर समलैंगिकता के दो कारण होते हैं। पहला कारण है- हॉर्मोन असंतुलन, जबकी दूसरा कारण है-साइकोलॉजिकल।
जेंडर और सेक्सुअलिटी के आधार पर 4 तरह के हो सकते हैं रिश्ते
- हेट्रोसेक्शुअल- दुनिया में सबसे ज्यादा इसी तरह के रिश्ते बनते हैं। इसमें मेल और फीमेल के बीच संबंध होता है।
- होमोसेक्शुअल- मेल-मेल या फिर फीमेल-फीमेल का रिश्ता या यूं कहें कि सेम जेंडर के बीच बना संबंध।
- बाइसेक्शुअल- दोनों जेंडर(मेल-फीमेल) के प्रति आकर्षण।
- असेक्शुअल- किसी भी जेंडर के प्रति किसी तरह का सेक्शुअल ओरिएंटेशन नहीं।
जीवों में भी होती है समलैंगिकता
साइंस की कई रिसर्च में यह साबित हुआ है कि समलैंगिकता न तो कई डिसऑर्डर है और न ही यह प्रकृति के खिलाफ है। जीवों में भी बड़ी संख्या में समलैंगिकता पाई जाती है। शेर, जिराफ, लकड़बग्घा, भालू, बंदर जैसे जानवरों और सारस, पेंग्विन, अबाबील जैसी चिड़िया और मक्खी, छिपकली, ततैया जैसे कीट-पतंगों में भी समलैंगिकता देखने को मिलती है। जिराफ के 10 में से 9 जोड़े समलैंगिक होते हैं।
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