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मैदे और जंकफूड से हुए दूर, भारतीयों की थाली हुई प्रोटीन और विटामिंस से भरपूर

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लाइफ-स्टाइल। कोरोना महामारी ने लोगों को जीने का ढ़ंग सिखा दिया है। महामारी के डर से ही सही लेकिन लोगों ने हेल्दी चीजों को महत्व देना शुरू कर दिया है। एक सर्वे में ये बात सामने आई है, कि भारतीयों ने अपनी थाली में न केवल प्रोटीन और विटामिंस की मात्रा बढ़ाई है। बल्कि फास्ट फूड और मैदे से बनी चीजों से भी दूर हो गए हैं।

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हफ्ते में तीन दिन एक्सरसाइज को भी दी जगह

मार्केट रिसर्च फर्म मिंटेल इंडिया कन्ज्यूमर रिसर्च के अनुसार, 52 प्रतिशत लोगों ने माना कि वो ब्राउन राइस और ऑर्गेनिक फलों को नियमित रूप से अपनी थाली का हिस्सा बनाने लगे हैं। वहीं, 50 प्रतिशत लोग ने स्वीकार किया कि, वो कोरोना महामारी से पहले तक फास्ट फूड और अनहेल्दी चीजें कभी-कभार खा लेते थे। और 55 प्रतिशत लोग अपने खान-पान में सुधार के साथ-साथ इम्युनिटी संवर्धन में भी प्रयासरत हैं।

इस दौरान लोगों ने योगा और फिजिकल एक्टिविटी को प्राथमिकता देना शुरू किया है। रिसर्च में सामने आया कि 51 प्रतिशत लोगों ने 2019 की अपेक्षा 2020 में महामारी के चलते हफ्ते में तीन दिन ब्रिस्क वॉकिंग (दौड़ने और पैदल चलने के बीच की मुद्रा) जैसी एक्सरसाइज और योग करना शुरू कर दिया है। और 57 फीसदी लोगों ने कहा कि वो जॉगिंग और सायक्लिंग कर रहे हैं।

मेडिटेशन से बेहतर हुई नींद

रिसर्च के अनुसार बीते डेढ़ दो सालों में लोगों की लाइफस्टाइल में जो बदलाव आए हैं, उसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। जिसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। जिन लोगों ने मेडिटेशन की शुरूआत की है, उनमें से हर 20 में से 9 लोगों को पहले से बेहतर नींद आने लगी है। लोगों का तनाव भी कम हुआ है। और लोग खुद को ज्यादा एनर्जेटिक महसूस करने लगे हैं।

कंज्यूमर्स को ध्यान में रखते हुए कंपनियां भी बनाने लगी है हेल्दी फूड

मिंटेल इंडिया कन्ज्यूमर की कंटेंट हेड निधि सिन्हा का कहना है कि महामारी ने लोगों को स्वस्थ रहने की प्रेरणा दी है। लोग जागरूक हुए हैं। इंडियन्स अपनी फिजिकल, मेंटल हेल्थ के साथ-साथ खानपान और फिजिकल एक्टिविटी पर भी फोकस करने लगे हैं। इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए कई कम्पनियां भी हेल्दी फूड और ड्रिंक्स उपलब्ध कराने लगी हैं।

रिसर्च में पता चला है, कि इम्यूनिटी को बढ़ाने में महिलाएं सबसे आगे रही हैं। इम्यूनिटी बढ़ाने में 50 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। और 48 फीसदी भारतीय विज्ञापनों और सोशल मीडिया पर चलने वाले कैम्पेन से स्वस्थ रहने के टिप्स और प्रेरणा ले रहे हैं।

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