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पूर्व केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा पर गवाहों को प्रभावित करने का आरोप, सुप्रीम कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

Lakhimpur Kheri violence : सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी में आठ लोगों की हत्या से संबंधित मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा द्वारा संबंधित गवाहों को प्रभावित करने के आरोपों की जांच करने का सोमवार को उत्तर प्रदेश पुलिस को निर्देश दिया। न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने संबंधित पक्षों को निर्देश दिया कि वे (गवाहों को कथित तौर पर धमकाने) आरोपों से संबंधित सभी दस्तावेज संबंधित पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत करें। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही पुलिस अधिकारी को चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया।

आशीष मिश्रा ने जमानत शर्तों का उल्लंघन करते हुए जनसभा में हिस्सा लिया

शिकायतकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने दावा किया कि उनके पास मामले में महत्वपूर्ण गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश से जुड़ी एक ‘ऑडियो रिकॉर्डिंग’ है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आशीष मिश्रा ने जमानत शर्तों का उल्लंघन करते हुए एक जनसभा में हिस्सा लिया था। आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने का अनुरोध करते हुए प्रशांत भूषण ने कहा कि अदालत उसके समक्ष पेश की गई सामग्री की प्रामाणिकता की जांच कर सकती है।

आशीष मिश्रा की ओर से पेश वकील ने विपक्ष की दलील का विरोध किया

आशीष मिश्रा की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे ने प्रशांत भूषण की दलील का विरोध करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल को बेवजह निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि उक्त जनसभा के दिन उनके मुवक्किल दिल्ली में लोकसभा सचिवालय में थे। बेंच ने प्रशांत भूषण और सिद्धार्थ दवे से कहा कि वे अपनी सामग्री उत्तर प्रदेश सरकार की स्थायी वकील रुचिरा गोयल को सौंप दें, ताकि इसे लखीमपुर खीरी के एसपी को सौंपा जा सके।

जनवरी 2023 में अशीष मिश्रा को कोर्ट से मिली थी अंतरिम जमानत

गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने जनवरी 2023 को इस मामले में आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत दी थी और उसे जेल से रिहा होने के एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश छोड़ने का भी निर्देश दिया था। यह आदेश (जिसे शुरू में कई बार बढ़ाया गया) बाद में भी लागू रहा। बता दें कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में अक्टूबर 2021 में आठ लोगों की उस समय मौत हो गई थी, जब राज्य के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे किसानों का आंदोलन कथित तौर पर हिंसक हो गया था। आशीष मिश्रा पर भी कई लोगों को कार से कुचलने के आरोप हैं।

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