
भारत का मिलिट्री बेस किन-किन देशों में है? दुनिया के कई देश ऐसे हैं जिन्होंने विदेशी धरती पर अपना सैन्य अड्डा बनाया है। विदेशी धरती पर मिलिट्री बेस बनाने का मकसद होता है राणनीतिक रूप से दुश्मन से निपटने के लिए खुद को सक्षम बनाना। विदेशी धरती पर मिलिट्री बेस बनाने से दुनिया में उस देश की धाक होती है। वह देश अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी ताकत का प्रदर्शन करता है।
विदेश में मिलिट्री बेस होने से कई फायदे होते हैं। सैनिकों को ट्रेनिंग के साथ-साथ अपने सैनिकों की रक्षा करना, आपात स्थिति में सेना को जल्दी ऑपरेशन स्थल पर पहुंचाना, दुश्मन देश के अंदर डर पैदा करना आदि।
अभी अमेरिका विश्व का एकलौता देश है जिसके पास दुनिया में विदेशी धरती पर 38 मिलिट्री बेस है। आइए जानते हैं कि भारत का मिलिट्री बेस किन-किन देशों में स्थित है?
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ओमान (Oman)
भारत की मिलिट्री बेस ओमान में स्थित है। ओमान के रास अल हद नाम की जगह पर भारत का मिलिट्री बेस है। ओमान में भारतीय नौसेना के जंगी जहाज, पनडुब्बियों आदि को ईंधन आदि की सहायता मिल जाती है।
मॉरीशस (Mauritius)
भारत का मॉरीशस के उत्तरी अगालेगा द्वीप पर कोस्टल सर्विलांस रडार सिस्टम है। भारत सरकार का इसे बनाने का मुख्य मकसद भारत और मॉरीशस के बीच सैन्य सहायता पैदा करना है। यह एक ऐसा रणनीतिक स्थान है जहां से बहुत बड़े समुद्री इलाकों पर नजर रखी जा सकती है।
मैडागास्कर (Madagascar)
भारत सरकार ने मैडागास्कर के उत्तरी इलाके में आर्मी पोस्ट और रडार सिस्टम स्थापित कर रखा है। इसका निर्माण 2007 में किया गया था। यहां से हिंद महासागर में जहाजों के मूवमेंट पर नजर रखी जाती है। भारतीय सेना यहां पर मैडागास्कर की नौसेना को मदद भी देती है।
भूटान (Bhutan)
भूटान में भारत का स्थाई ट्रेनिंग सेंटर है। इसे भारतीय मिलिट्री ट्रेनिंग टीम (IMTRAT) के नाम से बुलाया जाता है। इसकी स्थापना 1961-62 में की गई थी। मित्र देशों में यह भारत का सबसे पुराना बेस है।
ताजिकिस्तान (Tajikistan)
ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे से करीब 130 किमी दूर स्थित फरखोर मं भारत का मिलिट्री बेस है। इसे भारतीय वायुसेना द्वारा संचालित किया जाता है। यह भारत का पहला सैनिक बेस है, जिसे अपनी धरती से बाहर बनाया गया था। यहां पर भारत के फाइटर जेट्स तैनात हैं।