
Hijab Ban : मुस्लिम बहुल राष्ट्र कजाकिस्तान में आज एक बड़ा फैसला लिया गया है. इस्लाम में महिलाओं द्वारा चेहरा ढ़कने का प्रचलन रहा है. कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम जोमार्ट टोकायेव ने आज चेहरा न ढ़कने के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है. कजाकिस्तान सरकार का यह फैसला दुनिया भर के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है.
फेशियल रिकॉग्निशन सही से काम नहीं करता
कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम जोमार्ट टोकायेव ने अपने इस फैसले पर दलील दी है कि चेहरा ढ़कने की वजह से फेशियल रिकॉग्निशन की तकनीक सही तरीके से काम नहीं कर पाती है. बीमार होने की स्थिति में, मौसम खराब होने पर या खेल-कूद के अलावा अन्य किसी मौके पर चेहरा ढ़कने की अनुमति नहीं होगी. पारित किए गए कानून में किसी एक मजहब या वस्त्र परिधान की बात नहीं की गई है.
अपने पसंद के कपड़े पहनने की छूट होनी चाहिए
कजाकिस्तान में चेहरा ढ़कने की पाबंदी पर लिए गए फैसले पर देश का एक वर्ग इसके खिलाफ है. उनका कहना है कि लोगों को अपने पसंद के कपड़े पहनने की छूट होनी चाहिए. साल 2023 में इसे लेकर बड़ा विवाद भी हुआ था. अतयारु में स्थित एक स्कूल की छात्राओं ने हिजाब बैन हटाने को लेकर स्कूल आने से मना कर दिया था.
पोशाक से राष्ट्रीयता का पता चलना चाहिए
राष्ट्रपति टोकायेव का कहना है कि मजहब लोगों का निजी मामला है लेकिन पोशाक ऐसी होनी चाहिए जिससे लोगों को हमारी राष्ट्रीय पहचान का पता चल सके. चेहरा ढ़कने वाले कपड़े पहनने से बेहतर होगा कि हम अपनी कजाख शैली के कपड़े पहनें. हम लोगों को अपनी संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए.
किन-किन राष्ट्रों में है हिजाब पर बैन- जानें
कजाकिस्तान सोवियत संघ का हिस्सा रहा है. मुस्लिम संख्या अधिक होने के बावजूद देश की संस्कृति पर सोवियत मूल्यों का असर देखने को मिलता है. कजाकिस्तान के अलावा अन्य तीन देश किर्गिस्तान, उजबेकिस्तान और ताजिकिस्तान भी ऐसे देश हैं जहां हिजाब पर बैन है.
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