
Hindu Pilgrimage : हिंदी खबर के एमडी अतुल अग्रवाल का एक वीडियो आज सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जिसमें वे कैलाश पर्वत के महत्व और रहस्य पर प्रकाश डालते नजर आ रहे हैं. यह वीडियो न सिर्फ सूचनात्मक है, बल्कि हर भारतीय की आस्था को छूने वाला भी है.
धरती का अक्षांश शून्य है यह पर्वत
कैलाश पर्वत को धरती का केंद्र यानी “अक्षांश शून्य” कहा जाता है. इसे भगवान शिव का निवास स्थान माना गया है और यह स्थान केवल भारत में ही नहीं, बल्कि तिब्बत, नेपाल और दुनिया के कई हिस्सों में श्रद्धा का प्रतीक है. अतुल अग्रवाल बताते हैं कि यह पर्वत केवल एक पहाड़ी नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र है.
कैलाश पर्वत के पास उच्च चुंबकीय क्षेत्र मौजूद
वीडियो में उन्होंने कहा कि कैलाश पर्वत का नाम सुनते ही मन में एक अद्भुत शांति और ऊर्जा का अनुभव होता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो कैलाश पर्वत के आसपास चुंबकीय क्षेत्र और ऊर्जा का स्तर असामान्य रूप से उच्च है. वहीं धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह पर्वत चार नदियों—सिंधु, ब्रह्मपुत्र, सतलुज और करनाली—का उद्गम स्थल भी है.
आज तक कोई पर्वतारोहण नहीं कर सका
अतुल अग्रवाल के अनुसार, आज की पीढ़ी को सिर्फ़ तकनीक नहीं, बल्कि अपने सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों की भी जानकारी होनी चाहिए. कैलाश यात्रा न केवल शारीरिक यात्रा है, बल्कि यह आत्मा की भी यात्रा होती है. यह पर्वत आज भी कई रहस्यों से भरा हुआ है—यहां कोई भी पर्वतारोहण नहीं कर सका, और जो करने की कोशिश करता है, वह या तो लौट नहीं पाता या रास्ता भटक जाता है.
भारत की अद्भुत विरासत को जानें
अतुल अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि बौद्ध संस्कृति के अनुसार यह मान्यता है कि जिस दिन कोई मानव इस कैलाश पर्वत पर चढ़ जाएगा और जीवित रह जाएगा उस दिन इस धरती का सर्वनाश हो जाएगा. वीडियो के अंत में अतुल जी ने दर्शकों से अपील की कि वे भारत की इस अद्भुत विरासत को जानें, समझें और आगे बढ़ाएं. कैलाश पर्वत सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, यह हमारी संस्कृति और चेतना का केंद्र है.
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