झारखंड को जल्द मिलेगी वंदे भारत की सौगात, पहला ट्रायल रन हुआ पूरा

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रांची- पटना वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन का पहला ट्रायल रन पूरा हो गया है। 8 डिब्बों वाली यह सेमी हाईस्पीड ट्रैन सोमवार को पटना से सुबह 6:55 बजे चलकर दोपहर को रांची में निर्धारित समय से 20 मिनट पहले पहुंची। अब लोगों की उम्मीद जगी है कि जल्दी ही झारखंड को इस अत्याधुनिक ट्रेन की सौगात मिलने वाली है। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का इंजन सामान्य लोकोमोटिक इंजन की तरह है, इसमें सिर्फ कुछ बदलाव करते हुए सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन के रूप में विकसित किया गया है। यह धीरे तौर पर कोच-डिब्बों से जुड़ा हुआ है। सीनियर डीसीएम निशांत कुमार के मुताबिक जिस तरह से विमान में स्पीड बढ़ान-हाइट में जाने के लिए सिस्टम होता है, उसी तरह इस ट्रेन में नीचे स्पीड बढ़ाने का सिस्टम दिया गया है।

गौरतलब है कि ट्रायल रन के दौरान जिस-जिस मार्ग से यह ट्रेन गुजरी, वहीं पहले ही लोग मोबाइल से सेल्फी लेने के लिए खड़े दिखे। रांची स्टेशन पर रेलवे कर्मचारियों और यात्रियों की भीड़ नई ट्रेन को देखने के लिए जुटी थी लेकिन, सुरक्षा कारणों से यात्रियों को ट्रेन के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया। आपको बता दें कि इस अत्याधुनिक ट्रेन में स्पीडो मीटर भी है। जिसमें अधिकतम स्पीड 200 किमी प्रति घंटा है। इसमें आगे पीछे 2 इंजन-ड्राइवर ट्रेलर कोच है और 4 लोको स्टाफ के लिए कंट्रोल और बैठने की सुविधा है।

लोको पायलट ने बताया कि कोडरमा में ट्रेन रफ्तार में थी। उसी समय पटरी पर गाय को पार होते देखा तो आपातकालीन ब्रेक लगाया और रफ्तार धीमी कर दी गई। गाय के पार होने पर फिर रफ्तार से चलाया गया। इस प्रकार एक दुर्घटना टाल दी गई। तकनीकी टीम ने बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस जिस रूट पर चल रही है, वे सुंरग, पत्थर व जंगल वाले इलाके हैं। साथ ही घुमावदार रूट है। इसलिए आशंका है कि बरसात के दिनों में इस रूट में लैंड स्लाइट, ट्रैक में पत्थर गिरने सहित अन्य कई तकनीकी समस्याएं आ सकती हैं। इस 8 डिब्बे इलेक्ट्रिक मोटर से लैस हैं जो इसके पावर को बूस्ट कर 12,000 हॉर्स पावर तक पहुंचा देता है। तो वहीं लाइन का पावर 20 हजार वॉट होता है। ट्रेन के कोच के नीच ट्रांसफॉर्मर लगा है जो 25,000 वॉट को कन्वर्ट कर जरुरत के हिसाब से ट्रेन चलाने लायक बनाता है।