
Jagdeep Dhankhar : चौधरी चरण सिंह जी की जन्म जयंती पर, किसान दिवस पर, भारत वर्ष के सभी किसानों को मेरा प्रणाम। 2001 में सही निर्णय लिया गया और किसान दिवस की शुरुआत की गई। और एक ऐसे महापुरुष के नाम पर जिसने अपना जीवन किसान और ग्रामीण विकास के साथ राष्ट्र विकास को समर्पित किया। उनकी सोच, उनका दर्शन हम सबके लिए अनुकरणीय है, हमें रास्ता दिखाने वाला है। आज अख़बारों में सरकार की तरफ से विज्ञापन छपा है और सही मायने में किसान को अन्नदाता कहा गया है और भारत विधाता कहा गया है। ये बात बिल्कुल खरी है। ये सही है।
आज का दिन बहुत महत्तपूर्ण
अगले साल किसान दिवस के 25 वर्ष पूरे होंगे। हम सबको संकल्प लेकर पूरे वर्ष भर कार्यक्रम करने हैं ताकि किसान हित को सर्वोपरि रख सकें। और मुझे आशा है और मुझे उम्मीद है कि आज देश में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की 180 से ज्यादा संस्थाओं में बड़ी भारी सक्रियता होगी क्योंकि आज का दिन उनके लिए बहुत महत्तपूर्ण है। जरूर गोष्ठियां होंगी, जरूर किसानों को आमंत्रित किया होगा उसकी जानकारी मैं स्वयं भी लूंगा और मैं मान कर चलता हूं किसान ट्रस्ट भी उन जानकारियों को प्राप्त कर पब्लिक डोमेन में रखेगा। पूरे देश में 730 से ज़्यादा कृषि विज्ञान केंद्र हैं, एक विज्ञान केंद्र 5000 से ज़्यादा किसानों को लाभ देता है।
विकसित भारत अब हमारा सपना
आज मैं मान कर चलता हूँ कि हर कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों का जमावड़ा होगा। उनको जरूर आमंत्रित किया होगा। उनको जागरूक किया होगा। क्यूंकि आज हम ऐसे समय दुनिया में रह रहे हैं। जहां भारत वर्ष के लिए जहां दुनिया की एक छठी आबादी रहती है। 5000 साल से ज़्यादा इस सांस्कृतिक विरासत है। विकसित भारत अब हमारा सपना नहीं है, लक्ष्य है और इस लक्ष्य प्राप्ति में कृष्ण और अर्जुन की भूमिका यदि अगर कोई अदा करेगा तो चौधरी चरण सिंह जी की सोच, गांव के किसान का पसीना। और ये मौका है संकल्प लेने का कि हम समर्पण की भावना से किसान कल्यान के लिए किसी प्रकार की कोई कमी बाकी न रखें।
अपनी पुस्तकों में वर्णित किया
मैं अनुरोध करूंगा भारत सरकार से और किसान ट्रस्ट से कि जब 25 वीं किसान दिवस की योजना हो उसको मनाया जाए अगले साल, वो पूरे राष्ट्र में ग्राम वासियों के लिए किसान वासियों के लिए एक उत्सव से कम ना हो। आवश्यकता है किसान को चौधरी चरण सिंह जी के दर्शन को याद दिलाना। किसान आर्थिक रूप से स्वालंबी तब होगा जब कृषि उत्पादन में, जब इसका मार्केट में जाएगा, किसान की भागीदारी होगी।
जब कृषि उत्पाद से जो चीजें निर्मित होती हैं वो किसान के खेत पर हों या किसान के सयोग से हों। और मैं देशवासियों को किसानों को खास तौर से ये और कहना चाहता हूं कि चौधरी चरण सिंह जी की 125 वीं जन्म जयंती आने वाली है, हमें अभी से योजना करनी चाहिए उस महापुरुष की सोच दुनिया के अनेक लोगों ने अपनी पुस्तकों में वर्णित किया है और उसकी जानकारी होनी चाहिए।
किसान तक सीमित नहीं
किसान ट्रस्ट से मेरा अनुरोध रहेगा सरकार से बातचीत कर समन्वय बैठकर कृषि अनुसंधान परिषद से बातचीत कर आने वाले जो समय है उसमें कृषि पर चर्चा हो। चौधरी साहब के विचारों का प्रसार हो और यह संकल्प इसलिए भी आवश्यक है कि आज के दिन समाज में भूमिका किसान की किसान तक सीमित नहीं है। आज का कृषक पुत्र सरकारी नौकरी में है। आज का कृषक पुत्र उद्योग में है उनका भी उत्तरदायित्व है कि समाज को वापस देने में कोई कमी बाकी ना रखें। चुनौतीपूर्ण वातावरण में किसान और जवान दो ही कार्य करते हैं। और चुनौती उनके सामने ऐसे आती है कि साधारण मन देख सकता है और वो अडिग रहें।
इस दिशा में बहुत कुछ किया
मैं सभी से आग्रह करूंगा, देश में बहुत बड़ा हवन हो रहा है, यह हवन भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हो रहा है। यह हमारा सपना नहीं, अब लक्ष्य है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आवश्यक है, कि देश के हर नागरिक की आय 8 गुना बढे और यह तभी संभव है, और ये संभव है, पर इसका रास्ता, किसान और गांव से निकलता है। मुझे प्रसन्नता है, कि इस दिशा में बहुत कुछ किया जा रहा है। पर जब बहुत करते हैं, तो मांग उठती है कि और भी ज़्यादा किया जाए।
मैं आपको शुभकामनाएं देता हूं
हम ऐसे भारत में आज के दिन रह रहे हैं, जहां गुणात्मक रूप से हम हमारी सीमाओं को लगातार लांग रहे हैं और एक के बाद एक कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। कृषक भाईयों से आह्वान करूंगा आज के दिन, आइए मिलकर जो मैराथन मार्च देश में चल रही है, विकसित भारत के लिए चल रही है, 2047 में पूर्ण आहुति होगी, उसके आप महत्वपूर्ण अंग हैं, यही मैं आपको शुभकामनाएं देता हूं।
किसान की भागिदारी होनी चाहिए
तीन बातों का आग्रह करूंगा किसान भाईयों, आप अन्न पैदा करते हैं, कृषि उत्पादन करते हैं, मेहरबानी कर के आप उसके व्यापार में भी जुड़िए, उसके व्यापार में जुड़ना आपके लिए बहुत अहम है। दूसरा अनुरोध करूंगा, कृषि उत्पाद में जो वैल्यू एडिशन होता है, उसमें भी किसान की भागिदारी होनी चाहिए। आज के दिन बदलते हुए भारत में आप देखते हैं, कि कृषि उत्पाद या डेरी प्रोडेक्ट, बहुत लोग, जिन्होंने बहुत ऊंची शिक्षा प्राप्त की है, सरकारी नौकरी छोड़कर उसमें आ रहे हैं।
किसान दिवस की शुभकामनाएं देता हूं
किसान के बच्चे इसमें आगे क्यों नहीं आएं? यह अपने आप में किसान को स्वावलंबी बनाएगा, और भारत की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान करेगा। फिर से मैं सभी देशवास्तियों को, विशेषकर किसान भाईयों को, किसान दिवस की शुभकामनाएं देता हूं, और चौधरी चरण सिंह जी ने जिन मापदंडों को माना, निर्वाहन किया, और उनका उल्लंघन कभी स्वीकार नहीं किया। हमारे लिए अनुकरणीय है, हम अनुकरण करने का संकल्प लें। सबको आज के दिन बहुत बहुत शुभकामनाएं।
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