Advertisement

ASEAN India China: अमेरिका-चीन में ‘जंग’ का खतरा, आसियान के लिए उम्‍मीद की किरण बना भारत

Share
Advertisement

ASEAN India China: ताइवान से लेकर फिलीपीन्‍स तक पूरे दक्षिण चीन सागर में तनाव बढ़ता ही जा रहा है। एक तरफ जहां चीन ताइवान पर कब्‍जा करने की तैयारी कर रहा है, वहीं दक्षिण चीन सागर के कई देशों के साथ उसका सीमा विवाद गहरा गया है। चीन कई कृत्रिम द्वीप बनाकर पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा ठोक रहा है। इन द्वीपों पर चीन ने बड़े पैमाने पर फाइटर जेट और मिसाइलें तैनात की हैं। चीन के युद्धपोत अक्‍सर ताइवान के घेरने के लिए यहां से अभ्‍यास करते रहते हैं। इससे अमेरिका की नौसेना के साथ चीन का टकराव बढ़ता जा रहा है और कहा जा रहा है कि भविष्‍य में जापान और अमेरिका के साथ चीन की झड़प हो सकती है। इसी खतरे को देखते हुए अब आसियान के देश भारत की ओर उम्‍मीद और भरोसे की नजर से देख रहे हैं।

Advertisement

भारत के प्रति तेजी से बढ़ रहा भरोसा  

साऊथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक सिंगापुर के ISEAS-यूसोफ इशाक इंस्‍टीट्यूट के इस महीने जारी ताजा सर्वे में कहा गया है कि आसियान देशों में भारत के प्रति भरोसा बहुत तेजी से बढ़ रहा है। यह सर्वेक्षण रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है जब भारत वैश्विक मचों पर बहुत तेजी से दिख रहा है और उसने यूक्रेन युद्ध में किसी का पक्ष लेने से इंकार कर दिया है। विश्‍लेषकों का कहना है कि यही वजह है कि दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के सदस्‍य देश भारत को रणनीतिक पार्टनर के रूप में देखते हैं।

भारत की अप्रूवल रेटिंग डबल हुई

ताजा सर्वेक्षण में इन 10 देशों के बड़ी संख्‍या में लोगों ने कहा कि वे अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती रणनीतिक प्रतिस्‍पर्द्धा से पैदा हुई अनिश्चितता के माहौल में यूरोपीय संघ और जापान के बाद भारत को चुनेंगे। इसी सर्वेक्षण में साल 2022 में भारत को आखिरी पायदान पर जगह मिली थी लेकिन ताजा सर्वेक्षण में भारत की अप्रूवल रेटिंग 5.1 से डबल होकर 11.3 हो गई है। इस तरह से 6 देशों के समूह में भारत अब तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। भारत के बाद ऑस्‍ट्रेलिया, ब्रिटेन और दक्षिण कोरिया का नंबर है।

दक्षिण एशिया के कई देश मानते हैं कि भारत एक ‘शांतिपूर्ण, खतरा नहीं पैदा करने वाली ताकत है। इसके अलावा भारत एक जोरदार आर्थिक प्रदर्शन कर रहा है और संभावनाओं से भरा हुआ है। भारत बहुध्रुवीय विश्‍व पर जोर देता है और चीन की जमीन पर कब्‍जा करने की नीति के आगे झुकने से इंकार कर दिया है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि इन सबने भारत की प्रतिष्‍ठा को बढ़ाया है। अमेरिका के इंस्‍टीट्यूट ऑफ पीस के दक्षिण एशिया के वरिष्‍ठ सलाहकार डेनिअल मार्के ने कहा कि पीएम मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर दोनों ही वैश्विक मंचों पर बहुत सक्रिय हैं और मुखर हैं।

चीन के प्रति सख्‍त रुख से फायदा

मार्के ने कहा कि भारत इस साल शंघाई सहयोग संगठन और जी-20 शिखर सम्‍मेलन को आयोजित करके एक बड़ी कूटनीतिक भूमिका निभाने जा रहा है। नालंदा विश्‍वविद्यालय में असोसिएट प्रफेसर राजीव रंजन चतुर्वेदी कहते हैं कि आसियान के कई देश भारत को ‘शांतिपूर्ण, गैर खतरनाक ताकत के रूप में देखते हैं।’ उन्‍होंने कहा कि भारत आर्थिक मोर्चे पर शानदार प्रदर्शन कर रहा है और चीन के सामने डटा हुआ है जिसने उसकी प्रतिष्‍ठा को बढ़ाया है। विश्‍वबैंक के मुताबिक भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्‍यवस्‍थाओं में शामिल है।

ये भी पढ़े: International news: आर्थिक संकट की दौर से गुजर रहा ब्रिटेन, सब्ज़ी ख़रीदने में लगाई पाबंदी, पढ़ें पूरी खबर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अन्य खबरें