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तालिबान ने अफगानिस्तान में राजनीतिक गतिविधियों को बताया अपराध, राजनीतिक पार्टी बनाने पर लगाया बैन

तालिबान ने हाल ही में अफगानिस्तान की सत्ता में आने के दो साल पूरे किए हैं। 2021 में 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद पूरे देश का कंट्रोल तालिबान ने अपने हाथ में लिया और फिर इस्लामिक सिस्टम को लागू किया।

अब अफगानिस्तान में राजनीतिक गतिविधियों से जुड़ना खुद को मुसीबत में डालने के बराबर हो सकता है। अगर किसी को ऐसा करते हुए पकड़ा जाता है तो उसकी जेल की सजा बिल्कुल तय है। दरअसल, तालिबान की अंतरिम सरकार ने अफगानिस्तान में राजनीतिक पार्टियों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है। अपने इस फैसले के पीछे शरिया कानून का हवाला दिया गया है। 

द खोरासान पोस्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान की अंतरिम तालिबान सरकार में न्याय मंत्री मौलवी अब्दुल हकीम शेराई ने राजनीतिक गतिविधियों और पार्टियों पर बैन लगाने के फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को कड़ी सजा दी जाएगी और जेल भेजा जाएगा। इस्लामिक शरिया में राजनीतिक दलों की कोई अवधारणा नहीं है।

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