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भारत-रूस की दोस्ती को नजर लगाने वालों को करारा जवाब देंगे पुतिन

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Russia India Relation: रूस और भारत की दोस्ती बहुत पुरानी है। यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से भारत के ऊपर पूरी दुनिया ने रूस की आलोचना का दबाव बनाया। लेकिन हर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत न्यूट्रल रहा। इन्हीं सब कारणों से रूस लगातार भारत को सस्ती दर पर कच्चा तेल बेच रहा है। अब राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से अनुमोदित रूसी विदेश नीति दस्तावेज में कहा गया है कि वह भारत के साथ विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का निर्माण करना जारी रखेंगे। इसके अलावा कहा गया है कि भारत के साथ रूस पारस्परिक रूप से लाभकारी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाएगा।

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निवेश और तकनीकी संबंधों को और भी बढ़ाएगा

यह दस्तावेज एक ऐसे समय में जारी किया गया है जब कुछ दिनों पहले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस की यात्रा की थी। माना जा रहा था कि युद्ध के बीच इस यात्रा से रूस का झुकाव चीन की ओर बढ़ेगा। दस्तावेज में यह भी कहा गया है कि रूस और भारत की दोस्ती के लिए खतरा बनने वाली ताकतों को जवाब देने के लिए रूस द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और तकनीकी संबंधों को और भी बढ़ाएगा। इस दस्तावेज को तब मंजूरी दी गई है, जब यूक्रेन युद्ध के कारण रूस और अमेरिका के बीच तनाव है।

G20 में शामिल हो सकते हैं पुतिन

युद्ध के कारण अमेरिका ने रूस पर कई प्रतिबंध लगा रखे हैं। वहीं सैन्य, आर्थिक और कूटनीतिक रूप से यूक्रेन की मदद कर रहा है। भारत ने अभी तक यूक्रेन पर हमलने की निंदा नहीं की है। भारत का पक्ष है कि कूटनीतिक रूप से इस बातचीत के जरिए इसका हल निकालना चाहिए। दस्तावेज में कहा गया है कि एक बहुध्रुवीय दुनिया बनाने के लिए BRICS, SCO, CIS, EAEU, CSTO, RIC, और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में रूस मजबूत भागीदारी दिखाएगा। दस्तावेज के अलावा अधिकारियों का कहना है कि पुतिन भारत में होने वाले SCO और G20 सम्मेलन में हिस्सा ले सकते हैं।

भारत G20 की कर रहा मेजबानी

इंडोनेशिया में हुए जी-20 सम्मेलन में पुतिन शामिल नहीं हुए थे। जी20 में रूस की शेरपा स्वेतलाना लुकाश ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के भारत में एससीओ और जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है। रूस इनके जरिए भारत से अपने संबंधों को मजबूत करने की उम्मीद कर रहा है। भारत इस साल सितंबर में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।

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