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15 साल बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वायु गुणवत्ता को लेकर जारी की नई गाइडलाइंस, जानिए

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नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2005 के बाद पहली बार नए वायु गुणवत्ता दिशानिर्देश जारी किए हैं। बता दें कि इन गाइडलाइंस से देशों को काफी फायदा होगा और इससे मौतों में भी कमी आएगी।

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वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन को उम्मीद है कि ये कड़े दिशानिर्देश देशों को स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ने और वायु प्रदूषण से संबंधित मौतों और बीमारियों को रोकने के लिए प्रेरित करने में मदद करेंगे।

मालूम हो कि नए दिशानिर्देश विशेष रूप से नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और जीवाश्म ईंधन से होने वाले प्रदूषकों को लक्षित करते हैं। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा कि वायु प्रदूषण से हर साल कम से कम 70 लाख लोगों की समय से पहले मौत हो जाती है।

इसके साथ ही उन्होंने बताया है कि शोध से पता चला है कि वायु प्रदूषण शरीर के सभी अंगों को प्रभावित करता है। खासकर मस्तिष्क से लेकर माँ के गर्भ में पल रहे शिशुओं को भी प्रभावित करता है।

वैश्विक स्तर पर, नवंबर में स्कॉटलैंड के ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन से पहले उत्सर्जन में कमी की योजनाओं को लागू करने के लिए देशों पर दबाव है।

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