Uttarakhand

IMA विवाद में रामदेव पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

देहरादून: योग गुरू रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बीच जारी विवाद में नया मोड़ आया है। रामदेव ने IMA विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

रामदेव के एलोपैथी पर दिए गए कथित बयान के बाद ये मामला तूल पकड़ता गया। लगभग 1 महीना बीत जाने के बाद भी मामला नहीं सुलझा। हालांकि रामदेव ने एलोपैथी विवाद वाले बयान को लेकर योग गुरू ने कहा था कि अगर उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो वो क्षमाप्रार्थी हैं।

आईएमए और रामदेव के बीच विवाद एक वीडियो को लेकर शुरू हो गया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर एलोपैथी इतनी कारगर होती तो कोरोना से इतने डॉक्टरों की मृत्यु नहीं हुई होती। अब इसी मामले में आईएमए की पटना और रायपुर शाखाओं के ख़िलाफ़ रामदेव ने प्राथमिकी दर्ज कराई हैं।

इसके अलावा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की है कि उनके ख़िलाफ़ दर्ज सभी मुकदमों में कार्रवाई पर रोक लगाई जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने सभी केस दिल्ली ट्रांसफर करने की अपील भी की है।

कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान योग गुरू रामदेव का एक वीडियो काफी वायरल हुआ था, जिसमें वो एलोपैथी को लेकर सवाल खड़े करते दिखाई दिए थे।

स्वामी रामदेव ने अपने बयान में कहा था, “एलोपैथिक दवाएँ खाने से लाखों लोगों की मौत हुई है।” साथ ही उन्होंने एलोपैथी को ‘स्टुपिड और दिवालिया साइंस’ भी कहा था।

जिसके बाद आईएमए ने उनके बयान पर आपत्ति जाहिर करते हुए क़ानूनी नोटिस भेजा था।

बीते 16 जून को भी छत्तीसगढ़ पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ रायपुर में केस दर्ज किया था। IMA ने रामदेव पर ग़लत जानकारी का प्रचार करने का आरोप लगाया है।

इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रामदेव को एक पत्र लिखकर अपना बयान वापस ले लिया था लेकिन इस पर शुरू हुआ विवाद ख़त्म नहीं हुआ।

 

 

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