तेलंगाना में भू भारती पोर्टल लॉन्च, अब जमीन से जुड़े हर काम होंगे ऑनलाइन और पारदर्शी

Hyderabad :

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी

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Hyderabad : राज्य सरकार सोमवार शाम को तेलंगाना भू भारती (भूमि में अधिकारों का अभिलेख) अधिनियम, 2024 लॉन्च करने जा रही है, जो संविधान निर्माता डॉ. बी.आर. अंबेडकर की 134वीं जयंती के उपलक्ष्य में किया जाएगा। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी सोमवार शाम भू भारती पोर्टल का उद्घाटन करेंगे — यह एक एकीकृत ऑनलाइन राजस्व अभिलेख प्रबंधन प्रणाली है, जो मौजूदा धरानी पोर्टल की जगह लेगी।

रविवार को मुख्यमंत्री ने लगातार दूसरे दिन उच्चस्तरीय बैठक की और लॉन्च की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पोर्टल को आम आदमी के लिए सहज और सुलभ बनाया जाए, और इसे आगामी 100 वर्षों तक बनाए रखने की दृष्टि से विकसित किया जाए। उन्होंने पोर्टल की साइबर सुरक्षा पर भी जोर दिया और इसे साइबर हमलों से बचाने के लिए फायरवॉल जैसी मजबूत व्यवस्थाएं लागू करने को कहा। इसके रखरखाव की जिम्मेदारी एक विश्वसनीय संस्था को सौंपी जाएगी।

प्रारंभ में तीन मंडलों में होगा भू भारती का संचालन

शुरुआत में यह पोर्टल तीन मंडलों — तिरुमलगिरी (नलगोंडा), सदाशिवपेट (मेड़क), और कीसरा (रंगारेड्डी) — में लागू किया जाएगा। यह पोर्टल निम्नलिखित सेवाएं प्रदान करेगा:

  • रजिस्ट्रेशन
  • म्यूटेशन
  • अपील और पुनरीक्षण
  • ROR सुधार और कृषि से गैर-कृषि में रूपांतरण
  • ई-चालान की जानकारी
  • भारिता विवरण (Encumbrance)
  • निषिद्ध भूमि का ब्यौरा
  • भूमि अधिकारों की जानकारी
  • भूमि बाजार मूल्य
  • पंजीकृत दस्तावेज़ों का विवरण

मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा, जनता की सरकार के वादे के अनुसार, एक नया भूमि अधिकार अभिलेख अधिनियम (ROR) बनाया गया है, जो धरानी पोर्टल की जगह लेकर ‘भू भारती’ पोर्टल के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देगा। किसान अब पंजीकरण और म्यूटेशन जैसी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे और मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि ‘भू भारती’ लंबे समय से चली आ रही भूमि समस्याओं का स्थायी समाधान साबित होगा।

धरानी पोर्टल होगा समाप्त, होगी फॉरेंसिक ऑडिट

धरानी पोर्टल को चरणबद्ध रूप से समाप्त किया जाएगा और इसके साथ ही सरकार ने भूमि अभिलेखों की फॉरेंसिक ऑडिट का प्रस्ताव तेज कर दिया है। सूत्रों ने पुष्टि की कि यह कार्य केंद्र सरकार की एक एजेंसी को सौंपा जाएगा।

धरानी पोर्टल को पहले भूमि लेनदेन में पारदर्शिता लाने के लिए पेश किया गया था, लेकिन यह प्रचुर आलोचना का शिकार हुआ, विशेष रूप से संचालन संबंधी समस्याओं के कारण।

धरानी की विफलताएं और किसान समस्याएं

किसानों ने धरानी पोर्टल से आवेदन अस्वीकृत होने की शिकायत की, जिसमें मामूली तकनीकी गलतियों, जैसे कि गलत मॉड्यूल चुनने पर आवेदन रद्द हो जाना और लेन-देन विफल होने पर रिफंड में देरी जैसी समस्याएं प्रमुख थीं। भूमि अभिलेखों में ‘अधिभोगकर्ता’ कॉलम को हटाने से और अधिक भ्रम फैला और कई भूमि विवाद उत्पन्न हुए।

भू भारती पर जनता की राय भी मांगी जाएगी

राजस्व मंत्री पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी ने रविवार को घोषणा की कि भू भारती को 2 जून, तेलंगाना स्थापना दिवस तक पूरे राज्य में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार शुरुआती त्रुटियों से सीखने और उन्हें सुधारने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा, कांग्रेस ने धरानी पोर्टल को बंगाल की खाड़ी में फेंकने का वादा किया था, और हम उस वादे को पूरा करते हुए भूमि सुधारों को लागू कर रहे हैं।

राजस्व मंत्री ने बताया कि मौजूदा भूमि अभिलेख नए पोर्टल में परिलक्षित होंगे और पिछले चार वर्षों के ‘पहानी’ विवरण को भी इसमें जोड़ा जाएगा।

अधिक VRO और सर्वेयर तैनात होंगे

उन्होंने कहा कि राज्य की सभी 10,956 ग्राम पंचायतों में VRO (ग्राम राजस्व अधिकारी) मई तक तैनात किए जाएंगे। ये अधिकारी अन्य विभागों से चयनित किए जाएंगे।

साथ ही, राजस्व विभाग में सर्वेयरों की संख्या 480 से बढ़ाकर 1,000 की जा रही है और 6,000 निजी सर्वेयरों को लाइसेंस देकर उन्हें उचित प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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