HIV : यह वायरस रोगों से लड़ने की क्षमता को कर देता है नष्ट
HIV : एचआईवी एक वायरस है, इससे ग्रस्त व्यक्ति के शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर होती जाती है। यह सबसे पहले इम्यून सिस्टम पर हमला करता है। एचआईवी संक्रमण समय के साएड् का कारण बन सकता है। जो कि व्यक्ति को सामान्य बीमारियों और संक्रमणों से बचाने में असमर्थ बना देता है।
लक्षण
एचआईवी संक्रमित रक्त, संक्रमित रक्ताधान, यौन संबंध और मां से बच्चे में फैलता है। संक्रमण के लक्षण शुरुआत में सामान्य फ्लू जैसे होते हैं। जो कि संक्रमण के 2 से 4 हफ्ते बाद दिख सकते हैं।
गले में खराश।
सिरदर्द।
थकान।
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द।
बुखार।
त्वचा पर चकत्ते।
यह वायरस शरीर में सक्रिय रहता है, मगर लक्षण कुछ समय बाद खत्म हो सकते हैं और धीरे-धीरे इम्यून सिस्टम को कमजोर करता रहता है।
निदान
एचआईवी से निदान के लिए तीन प्रकार के रक्त परीक्षण किए जाते हैं। जिसमें एंटीबॉडी टेस्ट, एंटीजन टेस्ट और पीसीआर टेस्ट शामिल हैं।
एंटीबॉडी टेस्ट – यह एचआईवी वायरस के खिलाफ शरीर में बनी एंटीबॉडीज को ढूंढता है।
एंटीजन टेस्ट – यह वायरस के एंटीजन और एंटीबॉडी दोनों को पहचानता है।
पीसीआर टेस्ट – यह परीक्षण वायरस की जेनेटिक सामाग्री को पहचानता है।
परीक्षण
इन टेस्ट में यदि परीक्षण पॉजिटिव आता है, तो व्यक्ति एचआईवी से संक्रमित होता है। एचआईवी का प्रारंभिक संक्रमण के दौरान पता लगाना कठिन हो सकता है, क्योंकि एंटीबॉडी बनने में समय लगता है।
एचआईवी का कोई पूर्ण इलाज अभी तक खोजा नहीं है। मगर, एआरटी एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी को माध्यम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यह उपचार वायरस को शरीर में बढ़ने से रोकता है। एआरटी के मुख्य काम –
इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाए रखना।
वायरस के लोड को कम करना।
एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के जीवन को लंबा और स्वस्थ बनाना।
संक्रमण और बीमारियों से बचाव करना।
यह भी पढ़ें : Sahariya : भारतीय आदिवासी जनजाति सहरिय समुदाय, जानें इनकी भौगोलिक स्थिति
Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप