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कैसे ई-वेस्ट बन गया ‘इको- आर्ट’ पढ़ें पूरी ख़बर

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बंगलुरु में रहने वाले विश्वनाथ मल्लाबादी दावणगेरे एक इको आर्टिस्ट हैं जो ई-वेस्ट को अपसायकल करके अद्भुत कला कृतियां बना रहे हैं, विश्वनाथ के इको-आर्ट की तारीफ सब तरफ हो रही है, उनका यह आइडिया और उनके बनाए आर्ट पीस इतने अनोखे हैं कि धीरे-धीरे उनका यह शौक बिजनेस का रूप ले रहा है।

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 मेटल और प्लास्टिक से लेकर पुराने गैजेट और सर्किट बोर्ड तक, विश्वनाथ इलेक्ट्रिक वेस्ट को इकट्ठा करते हैं और इस वेस्ट को वह आभूषण और मूर्तियों से लेकर इंस्टॉलेशन और रोबोट आदि तक बनाने में इस्तेमाल कर रहे हैं।

 ई-वेस्ट का क्रिएटिव समाधान भारत लगातार बढ़ते ई-वेस्ट के संकट का सामना कर रहा है. भारत में 2019-20 में 10.1 लाख टन ई-वेस्ट का उत्पादन हुआ, जिसमें से सिर्फ 22.7% ई-वेस्ट रिसायक्लिंग के लिए गया. यह सब देखते हुए विश्वनाथ ने इसका समाधान कला के माध्यम से निकाला।

 वह बहुत ध्यान से सभी ई-वेस्ट को इकट्ठा करते हैं जैसे तांबा, सोना, रंगीन तार, कीबोर्ड और कंप्यूटर पार्ट्स आदि. इस एप्रोच से वह सभी मैटेरियल को प्रभावी ढंग से इस्तेमाल कर पाते हैं।

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