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आदित्य-L1 सौर मिशन के प्रधान वैज्ञानिक होंगे डॉ. शंकरसुब्रमण्यन काशीविश्वनाथन

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चंद्रयान-3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक उतरने के बाद, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अब ‘आदित्य-एल1’ नाम से अपना पहला सौर मिशन लॉन्च करने के लिए तैयार है। यह मिशन सूर्य के अध्ययन पर केंद्रित है। वरिष्ठ सौर वैज्ञानिक डॉ. शंकरसुब्रमण्यम के को ISRO ने आदित्य एल1 मिशन के प्रमुख वैज्ञानिक के रूप में नियुक्त किया है। वह इससे पहले चंद्रयान-1, चंद्रयान-2 और एस्ट्रोसैट मिशन में योगदान दे चुके हैं।

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डॉ. शंकरसुब्रमण्यम एक अनुभवी वैज्ञानिक हैं जो बेंगलुरु में U R Rao Satellite Centre में सौर अध्ययन में विशेषज्ञता रखते हैं। उन्होंने Indian Institute of Astrophysics के अंतर्गत बैंगलोर यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में PhD किया है। उन्होंने सोलर मैग्नेटिक फील्ड, ऑप्टिक्स और इंस्ट्रुमेंटेशन जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित कई रिसर्च किए हैं। डॉ. शंकरसुब्रमण्यम के ने एस्ट्रोसैट, चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 सहित इसरो के महत्त्वपूर्ण मिशनों में विभिन्न भूमिकाएँ निभाते हुए अपना योगदान दिया है, और वर्तमान में वह URSC में स्पेस एस्ट्रोनॉमी ग्रुप (SAG) का नेतृत्व कर रहे हैं।

यह ग्रुप अलग-अलग मिशन जैसे आदित्य-एल1, एक्सपीओसैट के लिए ज़रूरी वैज्ञानिक उपकरण बनाने का काम करता है। इसके अलावा, डॉ. शंकरसुब्रमण्यम के, आदित्य-एल1 पर एक्स-रे पेलोड में से एक के प्रिंसिपल इंवेसटिगेटर की भूमिका भी निभा रहे हैं। वह आदित्य-एल1 साइंस वर्किंग ग्रुप के भी प्रमुख हैं, जिसमें सोलर रिसर्च में लगे कई भारतीय अनुसंधान संस्थानों के एक्सपर्ट शामिल हैं।

भारत का सौर मिशन आदित्य-एल1, दो सितंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 11:50 बजे लॉन्च किया जाएगा। सबको इस पल का बेसब्री से इंतज़ार है और देश को आशा है कि एक बार फिर, अपने पहले सोलर मिशन के ज़रिए ISRO इतिहास रचने वाला है।

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