दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, पिछली सुनवाई में 5 राज्यों से पूछा था-क्या कदम उठाए?

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दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण पर मंगलवार (7 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। 31 अक्टूबर को दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कोर्ट ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को एक हफ्ते में हलफनामा दाखिल कर बताया कि वे वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए क्या कार्रवाई की है। साथ ही उन्होंने कहा कि कोर्ट मामले की गतिविधियों की निगरानी करेगा।

कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग दिल्ली एनसीआर रीजन (CAQM) की रिपोर्ट देखने के बाद उसे चार्ट के रूप में भी रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। साथ ही, दिल्ली एनसीआर रीजन से वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने कहा कि वह समस्या शुरू होने का समय, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) और खेतों में पराली जलाने की घटनाओं की जमीनी स्थिति को चार्ट के रूप में प्रस्तुत करे।

जनहित याचिका खारिज

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई, जिसमें प्रदूषण का आकलन करने के लिए जिला स्तर पर एक स्थायी विशेषज्ञ समिति बनाने की मांग की गई है। इस याचिका पर कोर्ट ने विचार करने से इनकार कर दिया।

CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने इसे नीतिगत मामला बताया। “क्या आपको लगता है कि देश भर के सभी जिलों में समितियां होंगी तो प्रदूषण कम हो जाएगा?” उन्होंने पूछा। याचिकाकर्ता के वकील ने जनहित याचिका को बाद में वापस ले लिया।

दिल्ली में सामान्य से दोगुना अधिक प्रदूषण है, 13 से 20 नवंबर तक अवकाश, 10 नवंबर तक स्कूल बंद

दिल्ली की हवा प्रदूषित हो गई है। सोमवार, 6 नवंबर को दिल्ली का ऐवरेज एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 470 था। WHO ने कहा कि 0-50 AQI सुरक्षित है। कुल मिलाकर, AQI 25 होना चाहिए। यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सीमा से 20 गुना अधिक प्रदूषित दिल्ली की हवा है।

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 13 नवंबर से 20 नवंबर तक ऑड-ईवन प्रणाली लागू करने का ऐलान किया है।

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