मनोहर सरकार के 2500 दिन में हरियाणा ने लिखी विकास की नई इबारत, 50 लाख किसानों को लगभग 11000 करोड़ रुपये किए वितरित

हरियाणा: मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार ने अपने 2500 दिनों के कार्यकाल में भ्रष्टाचार मुक्त, पेपरलैस और फेसलेस शासन के एक नए युग की शुरुआत करने तथा जातिवाद, क्षेत्रवाद और जिलेवार भेदभाव से ऊपर उठते हुए हरियाणा के विकास की एक नई इबारत लिखी है। मुख्यमंत्री आज यहां राज्य सरकार के कार्यकाल के 2500 दिन पूरे होने के अवसर पर प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। वर्ष 2014 में जब उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, तब से 2500 दिनों में राज्य सरकार ‘सबका साथ सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास’ और ‘हरियाणा एक हरियाणवी एक’ के मंत्र पर चलते हुए सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों के समान विकास को सुनिश्चित करते हुए हरियाणा को विकास पथ पर तेजी से ले जाने के लिए समर्पित रूप से काम कर रही है।
मनोहर सरकार के 2500 दिन में हरियाणा ने लिखी विकास की नई इबारत
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को चंडीगढ़ में राज्य सरकार के कार्यकाल के 2500 दिन पूरे होने के अवसर पर प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि हमारी सरकार ने पिछले 2500 दिनों में जिस तरह के विकास कार्य, अपनी तरह की नई पहल, लोगों के कल्याण के लिए नई परियोजनाओं की शुरुआत करने से लेकर भविष्य का रोड मैप तैयार करने जैसे कार्य किए हैं, पिछली सरकारें अपने 50 वर्षों के कार्यकाल में भी पूरा करने में विफल रही। किसानों का हित सदैव राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। किसानों के कल्याण के लिए विभिन्न पहल और योजनाएं शुरू की गई हैं और इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए विभिन्न योजनाओं के तहत 2500 दिनों में लगभग 50 लाख किसानों के खातों में 11000 करोड़ रुपये सीधे हस्तांतरित किए गए हैं।
CM ने 50 लाख किसानों को लगभग 11000 करोड़ रुपये किए वितरित
सीएम ने आगे कहा कि किसानों के हित के लिए कल्याणकारी योजनाओं से लेकर अंत्योदय की भावना से गरीब से गरीब व्यक्ति का उत्थान करके, युवाओं के लिए पर्याप्त रोजगार के अवसर प्रदान करके और आधारभूत संरचना पर जोर देते हुए हरियाणा के समग्र विकास को सुनिश्चित किया है। अब राज्य सरकार ऐसी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसमें ईज ऑफ लिविंग की दिशा में तेजी से आगे बढ़ते हुए प्रदेशवासियों के आर्थिक उत्थान के साथ-साथ हैप्पीनेस इंडेक्स को बढ़ाना है। रिपोर्ट- ईशा ठाकुर