शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को हर्षा रिछारिया ने दिया जवाब, जानें क्या कहा

Harsha Richaria News
Harsha Richaria News : निरंजनी अखाड़े के छावनी प्रवेश के दौरान एक रथ पर संतों के साथ हर्षा रिछारिया के बैठने को लेकर विवाद हो गया है। इस पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सवाल उठाए थे।
हर्षा रिछारिया महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में शामिल हुई थीं। इस दौरान वो महामंडलेश्वर के शाही रथ पर बैठी थीं। जिसके बाद ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सवाल उठाए थे।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा था कि इस तरह कि परंपरा शुरुआत करना गलत है। ये विकृत मानसिकता का नतीजा है महाकुंभ में चेहरे की सुंदरता नहीं बल्कि हृदय की सुंदरता को देखना चाहिए। उनके इस बयान पर अब हर्षा रिछारिया का बयान आया है।
धर्म के लिए काम करना चाहता हूं
अब हर्षा रिछारिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा मैंने कहीं नहीं कहा है कि मैं साध्वी हूं ये चीज मीडिया में दिखाई जा रही है और बताई जा रही है, जो मुझे नहीं लगता है कि सही है। साध्वी बनने के लिए जो तपस्या, दीक्षा और शिक्षा जो करनी पड़ती है, वो मैंने कुछ नहीं किया है। मैंने इस बारे में अभी तक सोचा भी नहीं है मैं सिर्फ अपने धर्मं का प्रचार करना चाहता हूं और युवाओं को अपने धर्म की और आकर्षित करना चाहता हूं मैं सिर्फ सनातन धर्म के लिए काम करना चाहता हूं।
रथ पर बिठाना पूरी तरह गलत है
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने हर्षा रिछारिया पर निशाना साधते हुए कहा,”जो अभी तक ये तय नहीं कर पाया है कि उसे शादी करनी है या संन्यास की दीक्षा लेनी है, उसे संत महात्माओं के शाही रथ पर जगह दिया जाना उचित नहीं है। वो श्रद्धालु के तौर पर शामिल होती तब भी ठीक था, लेकिन भगवा कपड़े में शाही रथ पर बिठाना पूरी तरह गलत है।
विवाद पैदा हो गया
निरंजनी अखाड़े के छावनी प्रवेश के दौरान एक रथ पर संतों के साथ हर्षा रिछारिया के बैठने को लेकर विवाद पैदा हो गया। काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने इस पर आपत्ति जताई है।स्वामी आनंद स्वरूप ने फेसबुक पर लिखा है, महाकुंभ मेले में निरंजनी अखाड़े के छावनी में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी जी महाराज से भोजन प्रसाद पर चर्चा हुई। मैंने कहा कि यह कुंभ अखाड़ों को मॉडल दिखाने के लिए नहीं आयोजित है, यह कुंभ जप, तप और ज्ञान की गंगा के लिए है।
एक महामंडलेश्वर से दीक्षा ली थी
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा, यह मुद्दा पिछले दो तीन दिन से चर्चा में बना है। वास्तव में वह हर्षा रिछारिया उत्तराखंड से हैं और वह हमारे अखाड़े के एक महामंडलेश्वर से दीक्षा लेने आई थीं। वह मॉडल हैं और सोशल मीडिया में सुर्खियों में रहती हैं उन्होंने रामनामी वस्त्र पहने थे।
हमारी परंपरा है कि जब सनातन का कोई आयोजन होता है, हमारे युवा भगवा पहनते हैं यह कोई अपराध नहीं है। हमारे यहां परंपरा है कि कोई एक दिन, पांच दिन, सात दिन के लिए साधू होता है। इस युवती ने निरंजनी अखाड़े के एक महामंडलेश्वर से दीक्षा ली थी।
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