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Happy Birthday Gary Kirsten: भारत को 2011 वर्ल्ड कप जिताने वाले कोच गैरी कर्स्टन का सफरनामा

भारत को 2011 वर्ल्ड कप जिताने वाले कोच गैरी कर्स्टन को जन्मदिन मुबारक। वह 54 वर्ष के हो गए। भारत का कोच बनने से पहले गैरी कर्स्टन के पास कोचिंग का कोई अनुभव नहीं था। सुनील गावस्कर ने 7 मिनट का इंटरव्यू किया था और गैरी कर्स्टन को भारत का कोच चुन लिया था। इसके बाद गैरी कर्स्टन और महेंद्र सिंह धोनी ने मिलकर 28 साल बाद भारत को वर्ल्ड चैंपियन बना दिया था।

अपने जमाने के बेस्ट ओपनर्स

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व ओपनर गैरी कर्स्टन (Gary Kirsten) का आज बर्थडे है. वे अपने जमाने के बेस्ट ओपनर्स में से एक रहे. उनके लिए कहा जाता है कि बैटिंग के दौरान वे पूरी लगन से खेलते थे और बड़े रन बनाने की भूख रखते थे. इस वजह से उन्होंने काफी कामयाबी पाई. बाद में इसी लगन और अनुशासन के चलते वे सफल कोच भी बने. भारत ने उनके कोच रहते हुए ही अपना दूसरा वर्ल्ड कप जीता था. साथ ही टेस्ट टीम में नंबर वन का तमगा हासिल किया था. बाद में दक्षिण अफ्रीका के साथ ही कई फ्रेंचाइजी टीमों के कोच भी बने. तो कैसा रहा गैरी कर्स्टन का करियर आइए जानते हैं।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू

गैरी कर्स्टन ने 1993-94 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था. फिर दूसरे ही टेस्ट में 67 और 41 रन की पारियां खेलते हुए दक्षिण अफ्रीका को पांच रन से सिडनी टेस्ट में जीत दिलाई. लेकिन पहले टेस्ट शतक के लिए गैरी कर्स्टन को दो साल और 17 टेस्ट का इंतजार करना पड़ा. मगर इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और कई बड़ी पारियां खेलीं. 1999-2000 में 275 रन की पारी खेलकर उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की ओर से टेस्ट में सबसे बड़ी पारी के रिकॉर्ड की बराबरी की. इस पारी के दौरान उन्होंने साढ़े 14 घंटे बैटिंग की थी. यह खेलने के घंटों के हिसाब से आज भी दूसरी सबसे बड़ी पारी है. कर्स्टन ने 21 टेस्ट शतक लगाए और इनमें से आठ स्कोर 150 रन से ज्यादा के थे.

वर्ल्ड कप भारत के नाम होना कर्स्टन के कोचिंग करियर की बड़ी उपलब्धि

साल 2004 में गैरी कर्स्टन ने क्रिकेट खेलना छोड़ दिया. फिर वे कुछ समय के दक्षिण अफ्रीका की घरेलू टीम वॉरियर्स के कंसल्टेंट बैटिंग कोच बन गए. दिसंबर 2007 में वे भारत के कोच बने. यहां उन्होंने कोचिंग में भी काफी कामयाबी पाई. उनके रहते हुए भारत ने न केवल टेस्ट बल्कि वनडे में भी कामयाबी पाई. 2011 का वर्ल्ड कप भारत के नाम होना कर्स्टन के कोचिंग करियर की बड़ी उपलब्धि है. उन्हें भारत के सबसे कामयाब कोचेज में गिना जाता है. 2011 वर्ल्ड कप के बाद वे दक्षिण अफ्रीका के कोच बन गए और 2013 तक वहां रहे.

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