जल स्रोतों को बंद नहीं करेगी सरकार, भाजपा महासचिव के बयान को सरकार का समर्थन
बेलेश्वर महादेव मंदिर में हुए हादसे में 36 लोगों की मौत के बाद राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी कुएं-बावड़ियों, बोरवेल को लेकर गाइड लाइन जारी की है। इंदौर में नगर निगम ने 18 मामलों में नोटिस जारी किए हैं जबकि अन्य को लेकर मैदानी स्थिति जानकर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। निगम रिकॉर्ड के अनुसार शहर में 629 कुए-बावड़ियां हैं। इन्हें उपयोगी और सुरक्षित करने के कदम उठाए जा रहे हैं।
महापौर ने कहा कि कि जहां पर अतिक्रमण हैं वे लोग खुद ही आगे आएं और अतिक्रमण हटा लें। इस मामले में नगर निगम हर संभव मदद करेगा। इधर प्रशासन का कहना है कि एक भी जल स्रोत को बंद नहीं किया जाएगा। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के जल स्रोतों के संरक्षण करने संबंधी बयान के बाद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने भी समर्थन किया है। मंत्री ठाकुर ने कहा कि जल स्रोतों पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
हादसे को करीब 10 दिन हो गए हैं। निगम ने पहले चरण में बेलेश्वर महादेव परिसर की बावड़ी को अतिक्रमण से मुक्त कर उसे बंद कर दिया। इसके साथ ही ढक्कनवाला कुआ, सुखलिया, गाडराखेडी आदि स्थानों के कुओं-बावड़ियों को भी अतिक्रमण से मुक्त किया है। बहरहाल निगम रिकॉर्ड में दर्ज 629 कुए-बावड़ियों में से 555 सरकारी हैं जबकि 74 निजी हैं। निगम ने इन्हें तीन श्रेणियों में रखकर सर्वे कर रहा है-
- पहली श्रेणी में सरकारी 555 कुओं-बावड़ियों में से 452 सार्वजिक स्थलों, स्कूलों, अस्पताल परिसर आदि में हैं।
- दूसरी श्रेणी में करीब 100 कुए-बावड़ियां ऐसी हैं जो विभिन्न धर्मस्थल परिसरों में हैं।
- तीसरी श्रेणी में 9 ऐसे कुए-बावड़ियां हैं जो धर्मस्थल पर होकर उन पर अतिक्रमण किए गए हैं।
अभी तक नगर निगम ने करीब 50 कुओं-बावड़ियों को चिन्हित कर लिया है जिन पर अवैध निर्माण या अतिक्रमण किए गए हैं। इन्हें मुक्त कराने के साथ इनके चारों ओर चार फीट की दीवार बनाकर लोहे की मजबूत जालियां लगाई जाएंगी। उधर, ग्रामीण क्षेत्रों में 471 बावड़ियां, 211 कुए हैं। इसके अलावा 400 से ज्यादा बोरवेल हैं जिन्हें सुरक्षित किया जाएगा।