पेगासस विवाद पर सरकार: ‘स्पाईवेयर बनाने वाली किसी भी कंपनी से नहीं है कोई लेन-देन’

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नई दिल्ली: भारत के रक्षा मंत्रालय की ओर से पेगासस जासूसी मामले को लेकर एक बयान आया है। रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि जासूसी साफ्टवेयर पेगासस को बनाने वाले एनएसओ ग्रुप के साथ उसका कोई लेना-देना नहीं है और न ही किसी तरह का लेनदेन उसने किया है।

पेगासस जासूसी साफ्टवेयर वही है जिसके कथित तौर पर ग़लत इस्तेमाल की वजह से काफी राजनीतिक विवाद हो रहा है। साथ ही विपक्ष इसको लेकर लगातार मॉनसून सत्र में सरकार को घेर रहा है, जिसके कारण कई दफा

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जबाव में रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा, ”रक्षा मंत्रालय ने एनएसओ ग्रुप टेक्नॉलॉज़ीस के साथ किसी तरह का लेनदेन नहीं किया है।”

एनएसओ ग्रुप, इजराइल की एक सर्विलांस सॉफ्टवेयर कंपनी है। पेगासस मामले के तहत आरोप हैं कि उसके बनाए पेगासस फोन स्पाइवेयर का इस्तेमाल भारत समेत कई देशों में पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, अधिकारियों और नेताओं की जासूसी करने के लिए किया गया है। हालांकि एनएसओ ने अपनी ओर से सफ़ाई दी है। उन्होंने कहा है कि उसने कोई ग़लत काम नहीं किया है।

देश में संसद के मॉनसून सत्र के दौरान मुद्दे पर बहुत हंगामा हुआ है। विपक्षी दलों ने मोदी पर सवाल खड़े करते हुए सरकार से संसद में मामले में चर्चा की मांग की है। लेकिन केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस तरह की किसी भी जासूसी की ख़बरों से इनकार करते हुए ग़लत बताया है।

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