किसानों के लिए खुशखबरी, केंद्र सरकार ने गन्ने पर FRP बढ़ा कर 290 रुपये प्रति क्विंटल किया

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नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट बैठक से गन्ना किसानों को राहत देने वाली खबर आई है, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि FRP यानि उचित और लाभकारी मूल्य को 5 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया गया है और इसके साथ ही अब गन्नों का मूल्य 290 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। उन्होंने बताया कि शुगर की एफआरपी 290 रुपये प्रति क्विंटल 10 फीसदी रिकवरी पर आधारित होगी।

आगे उन्होंने बताया कि अबतक 55 लाख टन शुगर एक्सपोर्ट किया जा चुका है। 15 टन शुगर का एक्सपोर्ट होना अभी बाकी है। अगले कुछ साल में एथोनॉल की ब्लेंडिंग को 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी किए जाने का अनुमान है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद भारत ऐसा देश होगा, जहां शुगर प्राइस का लगभग 90- 91 प्रतिशत हिस्सा गन्ना किसानों को मिलेगा। बाकी देशों में शुगर प्राइस का 70 से 75% हिस्सा ही गन्ना किसानों को मिलता है।

उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्य अपने स्वयं के गन्ना मूल्य को ‘राज्य सलाहकार मूल्य’ (एसएपी) कहते हैं, जो आमतौर पर केंद्र के एफआरपी से अधिक होते है।

पंजाब सरकार ने गन्ने पर एसएपी को बढ़ाकर 360 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। किसान संगठन ने सूबे के सरकार से गन्ना खरीद के दामों में बढ़ोतरी के लिए आंदोलन किया था। किसान संगठन ने गन्नों के दाम 400 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने की मांग की थी लेकिन संगठन ने सरकार के द्वारा बढ़ाए गए दाम को मान लिया है।

बता दें एफआरपी बढ़ाने के लिए कमीशन ऑफ एग्रीकल्चरल कॉस्ट एंड प्राइसेज (CACP) हर साल कृषि उत्पादों के दामों की सिफारिश केंद्र सरकार से करता है।

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