Fiji : श्री शिव सुब्रमण्यम मंदिर की दूसरे देशों से की जाती गणना, जानें इसकी कहानी

श्री शिव सुब्रमण्यम
Fiji : भारत के हिंदू मंदिर की गणना भारत के बाहर या दूसरे देशों में भी की जाती है। विदेशों में एक बड़ी संख्या में हिंदू मंदिरों का निर्माण हुआ है। यह सभी मंदिर हिंदू संस्कृति की रीती – रिवाज़ों के अनुसार बने है। इन मंदिरों की मान्यता उतनी ही है जितनी भारत देश के मंदिरों की है। उन्हीं में से एक है श्री शिव सुब्रमण्यम मंदिर, जिस से बड़ी तादार में भक्तों की आस्था जुड़ी है। यह मंदिर प्राचीन भारतीय मंदिर वास्तुकला की सर्वश्रेष्ठ परंपराओं के साथ और वास्तु वैदिक परंपरा के पवित्र वास्तुकला के सभी सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था।
प्रशांत क्षेत्र का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर जो कि बना है नाडी, फिजी में। यह श्री शिव सुब्रमण्यम का एक हिंदू मंदिर है। मुख्य पुजारी ने मंदिर की गतिविधियों को बढ़ावा दिया, तब सन 1984 में तमिलनाडु सरकार के द्वारा नादी शिव सुब्रमण्यम मंदिर में सेवाएं उपलब्ध कराई गईं। जब पहली बार मंदिर में कई नए और अनोखे धार्मिक समारोहों का आयोजिन किया गया, तो इन समारोहों को देखने और उनमें भाग लेने के लिए भक्तों की भीड़ बड़ी संख्या में वहां पहुंची। श्री शिव सुब्रमण्यम का यह मंदिर नाडी के माध्यम से मुख्य सड़क के दक्षिणी छोर पर स्थित है।
1984 में हुआ मंदिर का पुनर्निर्माण
लंबे समय से यहां का मूल मंदिर अस्तित्व में था। 1926 में पुराने मंदिर भवन में तत्कालीन भारत सन्मार्ग इक्या टी. आई. एस. आई. संगम का गठन किया गया था। सन 1976 में स्वर्ण जयंती समारोह के बाद टी. आई. एस. आई. संगम का कायाकल्प किया गया था। संगम की गतिविधियों का पुनरुद्धार शिवाचार्य महालिंग गुरुक्कल की उपस्थिति में हुआ था। क्राउन भूमि के लिए नए पट्टे का अधिग्रहण सन 1983 में किया गया। इसके बाद सन 1984 में पुनर्निर्माण का काम भूमि पूजा के साथ शुरू हुआ और अप्रैल 1984 में दिवंगत उप प्रधान मंत्री के द्वारा भवन निर्माण के लिए कार्य शुरू किया गया।
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