CM नीतीश ने किया ‘डोर स्टेप पशु चिकित्सा सेवा’ का शुभारंभ, पशुपालक घर बैठे ही करा सकेंगे पशुओं का इलाज

Facility for Animal Keeper : पशुपालकों और पशुओं के स्वास्थ्य को लेकर राज्य द्वारा एक अहम फैसला लिया गया. अब पशुपालकों के द्वार पर पशु चिकित्सा (डोर स्टेप पशु चिकित्सा सेवा) सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इसके तहत मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई, कॉल सेन्टर एवं मोबाईल एप का लोकार्पण एवं शुभारम्भ आज यानि सोमवार को 1 अणे मार्ग, पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कर कमलों द्वारा किया गया।
यह रहे मौजूद
इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा हरी झंडी दिखाकर मोबाइल पशु चिकित्सा इकाईयों को विभिन्न प्रखंडों हेतु रवाना किया गया। उक्त कार्यक्रम में अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में केन्द्रीय मंत्री, मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री, बिहार सम्राट चौधरी एवं विजय कुमार सिन्हा उपस्थित रहे।
मंत्री रेणु देवी ने दी जानकारी
अध्यक्षता मंत्री, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग मंत्री, बिहार रेणु देवी द्वारा की गई। कार्यक्रम के उपरांत सूचना भवन के संवाद कक्ष में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मंत्री, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, रेणु देवी ने बताया कि 534 मोबाईल पशु चिकित्सा इकाईयों एवं कॉल सेन्टर का लोकार्पण एवं शुभारंभ राज्य के पशु चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल है।
पशुपालकों को कठिनाईयों से मिलेगी निजात
उन्होंने आगे बताया कि पशुपालकों को अपने बीमार पशुओं को पशु चिकित्सालय तक लाने में होने वाली कठिनाईयों को देखते हुए पशुपालकों के द्वार पर पशु चिकित्सा (डोर स्टेप पशु चिकित्सा सेवा) सुविधा उपलब्ध कराने हेतु राज्य के सभी 534 प्रखंडों हेतु एक-एक मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई के परिचालन की व्यवस्था की गई है। उक्त 534 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाईयों में से 307 इकाईयों का क्रय केन्द्र प्रायोजित योजना ‘राष्ट्रीय पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत ESVHD-MVU के अन्तर्गत केन्द्र सरकार द्वारा प्रदत्त राशि से एवं शेष इकाईयों का क्रय राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2’ के अन्तर्गत राज्य सरकार के संसाधनों से किया गया है।
समय व धन की होगी बचत
मोबाइल पशु चिकित्सा इकाईयों के परिचालन से सुदूर इलाकों से बीमार पशुओं को पशु चिकित्सालय लाने में होने वाली कठिनाईयों से पशुपालकों को राहत मिलेगी, बीमार पशुओं को पशु चिकित्सालय लाने में लगने वाले समय एवं व्यय की बचत होगी, अस्वस्थ पशुओं की त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा संभव हो सकेगी, त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा के फलस्वरूप पशुओं के स्वास्थ्य एवं उत्पादकता में सुधार लाया जा सकेगा, पशुओं में संक्रामक रोग फैलने की स्थिति में रोग की त्वरित जांच एवं प्रभावी नियंत्रण किया जा सकेगा तथा पशुपालकों के बीच विभागीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाएगा.
मिलेंगी यह सुविधाएं
इस अवसर पर प्रधान सचिव, पशु एवं मत्स्य संसाधन, डॉ० विजयलक्ष्मी ने अन्य जानकारियां देते हुए बताया कि मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई जी०पी०एस० सुविधा युक्त एक सुसज्जित वाहन है. इसमें पशु रोगों की पहचान, पशु चिकित्सा एवं लघु सर्जरी, ऑडियो-विजुअल प्रचार के लिए आवश्यक उपकरण के साथ पशुओं की चिकित्सा के लिए आवश्यक दवा इत्यादि के साथ कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध रहेगी। मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई में एक पशु चिकित्सक, एक पशु चिकित्सा सहायक एवं एक चालक सह परिचारी की व्यवस्था की गई है। मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई का परिचालन प्रत्येक कार्य दिवस में प्रातः 09.00 बजे से संध्या 05.00 बजे तक किया जाएगा।
कॉल सेंटर की भी स्थापना
पशुपालकों की सुविधा के लिए एक कॉल सेंटर की स्थापना राज्य मुख्यालय स्तर पर पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, पटना के परिसर में की गई है। कॉल सेन्टर में 4 अनुभवी पशु चिकित्सकों एवं 12 Call Centre Executive की व्यवस्था की गई है। साथ ही, एक मोबाइल एप भी विकसित किया गया है। पशुपालक अपने मोबाइल पर उक्त एप डाउनलोड कर पशु चिकित्सा सेवाओं हेतु सम्पर्क कर सकते हैं।
टोल फ्री नंबर 1962 पर कर सकते हैं संपर्क
राज्य के पशुपालक प्रत्येक कार्य दिवस में प्रातः 09.00 बजे से संध्या 05.00 बजे तक की अवधि में कॉल सेन्टर के टोल फ्री नम्बर 1962 पर दूरभाष के माध्यम से कॉल कर अथवा मोबाईल एप के माध्यम से कॉल सेन्टर में पशु चिकित्सा के लिए संपर्क कर सकते हैं। संपर्क के उपरान्त मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई के माध्यम से पशुपालकों के द्वार पर पशु चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। कॉल सेन्टर में टेलिमेडिसीन की भी व्यवस्था है। मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई में कार्यरत पशु चिकित्सकों के द्वारा आवश्यकतानुसार ऑडियो अथवा वीडियो कॉलिंग के माध्यम से कॉल सेन्टर में कार्यरत पशु चिकित्सकों से चिकित्सीय परामर्श प्राप्त किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई द्वारा प्रत्येक कार्य दिवस में 2 (दो) ग्रामों का भ्रमण किया जाएगा एवं शिविर के माध्यम से पशुओं की चिकित्सा तथा विभागीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
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