महुआ मोइत्रा मामले में एथिक्स कमेटी ने लोकसभा अध्यक्ष को भेजी रिपोर्ट
New Delhi: महुआ मोइत्रा द्वारा रिश्वत लेकर प्रश्न पूछने के मामले की जांच कर रही लोकसभा की आचार समिति ने अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को भेज दी है। जिसकी पुष्टि कई मीडिया रिपोर्ट्स में की गई है। इस रिपोर्ट में लिखा गया है कि महुआ का अकाउंट विदेश से 47 बार लॉग-इन हुआ था। महुआ की तरफ से संसद में पूछे गए 61 प्रश्नों में से 50 प्रश्न कारोबारी हीरानंदानी की पसंद के थे।
मोइत्रा के निष्कासन को लेकर हो सकता है मतदान
अब यह रिपोर्ट चार दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा में पेश की जाएगी। जिसमें महुआ मोइत्रा के निष्कासन की सिफारिश को लेकर मतदान हो सकती है। भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता में कमेटी ने गुरुवार को बैठक की थी। और 479 पन्नों की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया था। लोकसभा की आचार समिति की निचले सदन के किसी सांसद के खिलाफ की गई यह पहली कार्रवाई है।
अनैतिक आचरण का दोषी पाया गया है
विनोद सोनकर के अनुसार, महुआ को 6:4 के बहुमत से लॉग-इन आईडी और पासवर्ड दूसरों के साथ शेयर करने के अनैतिक आचरण का दोषी पाया गया है। एथिक्स कमेटी के दस में से 6 सदस्यों ने महुआ को लोकसभा से निष्कासित करने के पक्ष में वोट दिया था। चार मेंबर्स ने विपक्ष में वोट डाला था। एथिक्स कमेटी के जिन चार सदस्यों ने महुआ के निष्कासन का विरोध किया था। उन्होंने रिपोर्ट को पूर्वाग्रह से ग्रस्त और गलत बताया है।
निशिकांत दुबे ने लगाया था आरोप
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ पर रिश्वत के बदले कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडाणी समूह को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में प्रश्न पूछने का आरोप लगाया था। जिसकी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से शिकायत की थी। इसके बाद एक कमेटी गठित की गई थी। इस पन्द्रह सदस्यीय कमेटी में भाजपा के 7, कांग्रेस के 3 और बीएसपी, शिवसेना, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) के एक-एक मेम्बर हैं।
महुआ ने किया है गंभीर अपराध
आचार समिति ने निष्कर्ष निकाला है कि महुआ ने अनधिकृत लोगों के साथ यूजर आईडी साझा की। कारोबारी हीरानंदानी से नकदी और अन्य सुविधाएं ली। जो कि एक गंभीर अपराध है। आचार समिति की ओर से गंभीर सज़ा की मांग की गई है।
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