
नेशनल मेडिकल कमीशन ने उन घटनाओं को रोकने के लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया है जो डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं के संबंध में है। इस नोटिफिकेशन में डॉक्टरों की सुरक्षा की बढ़ती हुई चिंता की गई है और उन्हें अब रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर्स (RMP) कहा गया है कि वे उन मरीजों के इलाज से इनकार कर सकते हैं जिनके साथ गाली-गलौज, मारपीट और हिंसा की जाती है।
RMP को यह भी सूचित किया गया है कि वे मरीजों के अभद्र आचरण के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप मरीज को किसी अन्य डॉक्टर के पास रेफर किया जा सकता है। यह नियम 2002 के मेडिकल एथिक्स कोड के तहत आता है जिसमें डॉक्टरों को इस प्रकार के मरीजों के इलाज से इनकार करने का अधिकार प्राप्त होता है।
RMP के नोटिफिकेशन में यह भी उजागर किया गया है कि उन्हें इमरजेंसी केस को छोड़कर मरीज के इलाज करने की स्वतंत्रता होगी, लेकिन उन्हें मरीजों के अभद्र आचरण का सामना नहीं करना चाहिए। मरीजों के इलाज से संबंधित सभी मुद्दों को उनके परिजनों के साथ साझा करना चाहिए और बिना किसी वजह के केस को छोड़ देना नहीं चाहिए। डॉक्टरों को मरीजों के इलाज से पहले पूरे परामर्श शुल्क की जानकारी देनी चाहिए और अगर सर्जरी की आवश्यकता होती है तो उसके खर्च की भी जानकारी देनी चाहिए।
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