क्या आप गोवा और पुर्तगालियों के राज की कहानी जानते हैं ?
समंदर की दिल में बस जाती लहरों की खनक, नारियल और पाम के पेड़ की खूबसूरती से सजा गोवा एक दौर में ऐसा था, जिसकी कल्पना भी नही की जा सकती है । दरअसल देश के इस खूबसूरत गोवा पर पुर्तगाल का कब्जा था ।
1947 में भारत तो आजाद हो गया था लेकिन गोवा को आजादी के लिए 14 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा । गोवा को 19 दिसंबर 1961 में पुर्तगालियों से आजादी मिली थी ।
आपको बताते है गोवा को पुर्तगालियों से कैसे आजादी मिली 19 दिसंबर, 1961 को भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय अभियान’ शुरू कर गोवा, दमन और दीव को पुर्तगालियों के चंगुल से मुक्त कराया था।
भारतीय सेना के सामने पुर्तगाली सेना ने कुछ विरोध के बाद ही घुटने टेक दिए । जिसके बाद पुर्तगाल के गवर्नर ने सरेंडर फॉर्म पर साइन कर गोवा छोड़ दिया और तभी से Goa Liberation Day यानि ‘गोवा मुक्ति दिवस’ मनाया जाता है।
इतिहास के पन्नों की बात करें तो 16वीं शताब्दी में पुर्तगाली यहां खोज के मकसद से आए थे। जिसके बाद उन्होंने गोवा पर कब्जा कर लिया और लगभग 450 साल तक गोवा पुर्तगालियों के कब्जे में रहा ।