
दिल्ली की हवा की गुणवत्ता अत्यंत खतरनाक हो गई है। दिल्ली में सोमवार (6 नवंबर) को ऐवरेज एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 470 था। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सीमा से 20 गुना अधिक है। WHO ने 0-50 AQI को सुरक्षित बताया है।
डॉ. पीयूष रंजन, दिल्ली AIIMS के डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन के एडिशनल प्रोफेसर, ने बताया कि खराब हवा की गुणवत्ता से कई प्रकार का कैंसर होने का खतरा रहता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि वायु प्रदूषण रेस्पिरेटरी सिस्टम को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक को भी बढ़ाता है।
खराब एयर क्वालिटी को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दोपहर 12 बजे हाई लेवल मीटिंग बुलाई है। इसमें प्रदूषण रोकने के तरीकों पर चर्चा होगी। साथ ही सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने की अनुमति दी जा सकती है।
CAQM ने 50% कर्मचारियों को ऑफिस बुलाने की सलाह दी
जहरीली हवा को लेकर कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर की राज्य सरकारों से अनुरोध किया है कि वे सरकारी और निजी कार्यालयों में काम करने वाले 50% कर्मचारियों को छुट्टी दे दें। शेष पचास प्रतिशत कर्मचारियों को काम पर रहने की सलाह दी गई है।
दिल्ली सरकार ने रविवार (5 नवंबर) को पांचवीं तक के स्कूलों को 10 नवंबर तक बंद करने का आदेश दिया। दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण के कारण सभी स्कूल छठी से बारहवीं तक की पढ़ाई को ऑनलाइन कर सकते हैं।
दिल्ली सरकार बोली- दिल्ली यूपी-हरियाणा के प्रदूषण की मार झेल रहा
सोमवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा कि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और हरियाणा के प्रदूषण का शिकार दिल्ली है। Delhi में जनरेटर नहीं है। यहां धुआं नहीं फैलता, लेकिन उत्तर प्रदेश और हरियाणा में इसे बंद नहीं किया गया है। दिल्ली सरकार का दावा है कि पड़ोसी राज्यों से निकलने वाली पराली दिल्ली की हवा को खराब कर रही है।
रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रदूषण के लिए कोई सीमा नहीं है। पंजाब की खराब हवा भी हरियाणा को प्रदूषित कर रही है। शनिवार को भी उन्होंने भगवंत मान सरकार पर हरियाणा में प्रदूषण का आरोप लगाया था।
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