कर्नाटक फार्मूले पर राजस्थान में चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, जीताऊ और टीकाऊ प्रत्याशी को मिलेगा टिकट
राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस सरकार पूरी तैयारी के साथ जुटी हुई है। पार्टी एकजुट होकर उन सीटों पर ध्यान देने में लगी है जो अति कमजोर हैं और तीन बार से हार का सबब बनी हैं। तैयारियों को देखकर लगता है कि इस बार कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला होने वाला है। दरअसल, इस बार कांग्रेस चुनाव कर्नाटक मॉडल पर लड़ेगी।
सितंबर के अंत में प्रारंभ होगा चुनाव अभियान
कांग्रेस की रणनीति सितंबर के अंतिम सप्ताह या अक्टूबर के पहले सप्ताह में दो सौ में से एक सौ सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित करने की है। टिकट तय करने का फार्मूला जीताऊ और टिकाऊ होगा। साथ ही राष्ट्रीय व प्रदेश के नेताओं के जिलों के दौरों का सिलसिला इस महीने से ही तेज होगा। कांग्रेस चुनाव अभियान सितंबर के अंत में प्रारंभ करेगी। बता दें कि 53 सीटें ऐसी हैं जो कांग्रेस के लिए तीन बार से हार का सबब बनी हुईं हैं और 28 सीटें कमजोर हैं, जिसपर एकजुट होकर पार्टी ध्यान दे रही है।
कर्नाटक मॉडल पर राजस्थान में लड़ा जाएगा चुनाव
शुक्रवार यानी (18 अगस्त) को जयपुर में हुई प्रदेश राजनीतिक मामलों की समिति और लोकसभा क्षेत्रों के पर्यवेक्षकों की बैठक में चुनावी रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि ‘कर्नाटक मॉडल पर राजस्थान में इस बार विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। टिकट तय करने का कार्य इस बार जल्द शुरू किया जाएगा। सितंबर के अंत या अक्टूबर के शुरूआत में टिकट तय करने का प्रयास रहेगा।’
जिताऊ और टिकाऊ का होगा फॉर्मूला
उन्होंने कहा कि ‘टिकट तय करने से पहले प्रदेश चुनाव समिति के सदस्य और पर्यवेक्षक क्षेत्रों में जाकर कार्यकर्ताओं की राय लेंगे। प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा, टिकट वितरण में जिताऊ और टिकाऊ का फॉर्मूला होगा। क्षेत्र में काम के आधार पर उम्मीदवार जिताऊ होगा, उसे टिकट दिया जाएगा। सभी नेता एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरेंगे। चुनाव प्रचार को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई।’
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