7 वर्षों में 70 पेपर लीक, करोड़ों युवाओं से विश्वासघात : मल्लिकार्जुन खरगे

Congress on NEET issue

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Congress on NEET issue : NEET मुद्दे पर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. विपक्ष का आरोप है कि हम इस मुद्दे पर सदन में चर्चा करना चाहते हैं लेकिन सत्ता पक्ष ऐसा होने नहीं दे रहा. इस मुद्दे पर अब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक ट्वीट किया है. वहीं कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा और गौरव गोगोई ने भी सरकार को घेरा.

मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया कि 7 वर्षों में 70 पेपर लीक हुए हैं, करोड़ों युवाओं से मोदी सरकार ने विश्वासघात किया है। हम NEET घोटाले पर 267 के नियम के तहत सदन में चर्चा करके, इससे पीड़ित लाखों युवाओं की आवाज़ उठाना चाहते थे। इसलिए लोगों की समस्या पर ध्यान आकर्षित करने के लिए, हमने एक विशेष चर्चा के लिए कहा। हम किसी को परेशान नहीं करना चाहते थे। हम केवल छात्रों के मुद्दों को उठाना चाहते थे। लेकिन उन्होंने (सभापति महोदय) इसका मौका नहीं दिया, इस पर ध्यान ही नहीं दिया।

राज्यसभा के सभापति जी से मैं ये कहूंगा कि विपक्ष के प्रति उनका आज का सौतेला व्यवहार “भारतीय संसद के इतिहास में दागी हो गया है”! सभापति जी केवल सत्ता पक्ष की ओर देख रहे थे। मैंने उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए 10 मिनट तक हाथ उठाया, खड़ा हुआ, संसदीय गरिमा और नियमों का पालन किया, फ़िर भी उन्होंने सदन में विपक्ष के नेता की ओर नहीं देखा। जब नेता विपक्ष नियमानुसार उनका ध्यान आकर्षित करता है, तो उन्हें उसकी ओर देखना चाहिए, लेकिन इसके बजाय, उन्होंने मुझे अपमानित करने के लिए जानबूझकर मुझे नजरअंदाज कर दिया, मुझे या तो अंदर जाना होगा या बहुत जोर से चिल्लाना होगा। इसलिए मैं निश्चित रूप से कहूंगा कि यह सभापति साहब की गलती है।

वहीं कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, आज जो सदन में हुआ, वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सदन में पूरी शालीनता के साथ NEET पेपर लीक का एक अति महत्वपूर्ण विषय उठाया। लेकिन सदन में उनके माइक को बंद कर दिया गया, जो कि अच्छी संसदीय परंपरा नहीं है। नेता विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। हम सरकार से मांग करते हैं कि इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा हो।

असम से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, अफसोस की बात यह है कि जब राहुल गांधी ने गुजारिश की कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों मिलकर युवाओं को संदेश दें कि NEET की इस मुश्किल घड़ी में हम उनके साथ हैं। उसी समय सत्ता पक्ष ने उनका माइक बंद कर, बच्चों की आवाज को दबाने की कोशिश की। हम NEET पर एक सकारात्मक चर्चा चाहते हैं, लेकिन जब सरकार ने मना किया तो हमने विरोध जताया। यह संसद सबका है, इसलिए NEET के विषय पर सरकार की जवाबदेही होनी चाहिए।

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