कोलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट के लिए 9 जजों की सिफारिश भेजी, तीन महिला जजों को भी किया जाएगा शामिल

नई दिल्ली: न्यायमूर्ति आर.एफ नरीमन और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा के सेवानिवृत्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या घटकर 24 हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल स्वीकृत संख्या 34 होती है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमन्ना की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने केंद्र को नौ नामों की सिफारिश भेजी है।
मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमन्ना ने बताया कि कोलेजियम के सिफारिशों के तहत हाई कोर्ट की 3 महिला जजों का नाम भेजा गया है। केरल उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार, मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश, गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बेला त्रिवेदी और कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना के नामों की सिफारिश कॉलेजियम ने की है।
वहीं उच्च न्यायालयों से चार मुख्य न्यायाधीशों के नाम की सिफारिश की गई है। गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ, सिक्किम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जितेंद्र कुमार माहेश्वरी, कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय श्रीनिवास ओका और तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति हिमा कोहली का नाम कॉलेजियम ने केंद्र को भेजा है। इन नामों के साथ ही वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी.एस नरसिम्हा का नाम भी कॉलेजियम ने भेजा है।
आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश यू. यू ललित भी वरिष्ठ अधिवक्ता के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किए गए थे। गौरतलब है कि 19 मार्च 2019 से सीजेआई रंजन गोगोई के सेवानिवृत्त होने के बाद से ही कोई नियुक्ति नहीं की गई है।
मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमन्ना ने कोलेजियम पर मीडिया के रुख पर जताया खेद
मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमन्ना ने सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में कॉलेजियम की बैठक पर मीडिया रिपोर्टों में लगाए गए अनुमानों पर खेद जताया है। उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया पवित्र है और इससे कोर्ट की गरिमा जुड़ी हुई है। मीडिया को उसकी सुचिता को समझना चाहिए और इसे स्वीकार करना चाहिए।
उन्होनें आगे कहा कि मैं बेहद निराश हूं और सभी पत्रकारों से उम्मीद करता हूं कि वे इस संस्थान की सुचिता एवं गरिमा की रक्षा करेंगे। इस तरह की गैर-जिम्मेदार रिपोर्टिंग और अटकलों के कारण प्रतिभाओं की प्रगति के मौकों को नुकसान पहुंचता है।