बच्चों के प्यारे ‘चाचा नेहरू’, कुछ ऐसा था पंडित जवाहर लाल नेहरू का बचपन

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देश के पहले प्रधानमंत्री यानी कि पंडित जवाहर लाल  नेहरू का बच्चों से बहुत ज्यादा प्रेम किया करते थे। बता दें चाचा नेहरू बच्चों को गुलाब के फूल की पंखुडि़यों की तरह कोमल मानते थे, यही कारण है कि वो चाहते थे कि बच्चे हमेशा उनके आसपास रहें, ठीक उसी तरह जैसे उनकी शेरवानी पर गुलाब का फूल हमेशा रहता था। इसलिए हर वर्ष लोग 14 नवंबर यानी आज की तारीख को ‘बाल दिवस’ के तौर पर भी मनाते है। तो आइये हम जानते हैं कि बच्चों के प्यारे चाचा नेहरू बचपन में वे स्वयं कैसे थे।

बचपन में पंडित जवाहर लाल नेहरू भी हर एक बच्चे की तरह ऊंची उड़ती रंग−बिरंगी पतंगों को देखकर बहुत खुश होते थे। पिता के साथ पतंग उड़ाने का वो खूब मज़ा लेते थे। वह बचपन में कुछ एकाकी, शर्मीले पर जिज्ञासु प्रकृति के थे और दोस्तों के साथ खेलने की जगह वे अपने पिता या भाई बन्धुओं के साथ खेलना ज्यादा पसंद करते थे। उनके पिता बहुत ही स्पष्ट और खुले विचारों के व्यक्ति थे।

बोर्डिंग स्कूल में रहते हुए अपनी बातों, जिज्ञासाओं को भी जवाहर लाल पत्रों द्वारा अपने पिता से शेयर करते और पिता मोतीलाल नेहरू उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी अपने भेजे पत्रों से करते। स्कूल में होने वाले सभी खेलों में वे भाग तो लेते पर उनके पसंदीदा खेल घुड़सवारी और निशानेबाजी थी, जिसमें उन्हें महारत हासिल थी। तो वाकई हमारे प्यारे चाचा नेहरू का बचपन ठीक वैसा ही था जैसा एक बच्चा आज देखना चाहता है।