Chhoti Diwali: आज के दिन को क्यों कहते हैं नरक चतुर्दशी, जानिए इसके पीछे की वजह

Share

आज (11 नवंबर) को छोटी दिपावली है, छोटी दिवाली कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष की तिथि 11 नवंबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी और 12 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होती है। 11 नवंबर, नरक चतुर्दशी का प्रदोष काल है, इसलिए छोटी दिवाली को मना रहे हैं। आज के दिन को छोटी दिवाली, रूप चौदस या नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। छोटी दिवाली का पर्व दीपावली के दूसरे दिन होता है, यानी धनतेरस के अगले दिन। इस दिन लोग घर की सफाई करते हैं।

छोटी दिपावली को क्यों कहते हैं नरक चतुर्दशी

कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी कहते हैं। धनतेरस के एक दिन बाद और दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। 11 नवंबर से 12 नवंबर तक इस बार नरक चतुर्दशी होगी। इसलिए यह त्योहार दोनों दिन मनाया जा सकता है। इस दिन भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस को मार डाला था। श्रीकृष्ण ने 16 हजार से अधिक महिलाओं को नरकासुर के कैदखाने से छुड़ाया था। तब से छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है।

क्या करना चाहिए इस दिन

नरक चतुर्दशी के दिन घर को साफ करना और सजाना चाहिए। पुराना सामान और कबाड़ घर से निकाला जाता है। शाम को माता लक्ष्मी की पूजा करने के लिए घर के द्वार के दोनों कोनों में दीया जलाया जाता है। छोटी दिवाली के दिन शाम को घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने की परंपरा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यम देव की पूजा से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है। इसलिए इस दिन यमराज को दीपक जलाया जाता है। शाम के समय यम की पूजा भी की जाती है, जो सभी पापों को दूर करते हैं और जीवन में आने वाली परेशानियों से बचाते हैं।

ये भी पढ़ें- Uttar Pradesh: अवैध रुप से बन रहे पटाखों में विस्फोट से झुलसे चार बच्चे, स्थानीय लोगों का उमड़ा गुस्सा